नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव एवं मीडिया विभाग के प्रमुख श्रीकांत शर्मा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मोदी गांवों, गरीबों और किसानों के कल्याण के लिए दिन रात परिश्रम कर हैं और उनकी लड़ाई काले धन वालों, नकली मुद्रा वालों,तस्करों, भ्रष्ट एवं कुशासन देने वालों के विरुद्ध है। इससे गांधी को क्या तकलीफ है। उन्होंने कहा कि मोदी चाहते हैं कि गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं, सडक़ें और संचार व्यवस्था मकाबूत हों। उसके लिए वह दिन-रात परिश्रम कर रहे हैं।
शर्मा ने कहा कि गांधी को इधर-उधर की बात करने की बजाय यह बताना चाहिए कि उनकी नाक के नीचे 10 साल तक घोटाले होते रहे। 1.76 लाख करोड़ रूपए का टू-जी घोटाला, 1.86 लाख करोड़ रूपए का कोयला घोटाला, 72 हजार करोड़ रुपये का राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला आदि 12 लाख करोड़ रूपए के घोटालों का मोटा माल किसने खाया।
उन्होंने कहा कि गांधी जब देखो तब अडानी और अंबानी का नाम लेते हैं। संप्रग सरकार ने ही उनका 36 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ क्यों किया था। वर्ष 2012 में जब भारतीय स्टेट बैंक ने विजय माल्या के खाते सील कर दिए थे तब संप्रग सरकार ने ही उसे 1500 करोड़ रूपए का अतिरिक्त ऋण क्यों दिया था।
भाजपा नेता ने कहा कि स्विस बैंक के खाताधारकों की सूची 2011 में ही आ गई थी और उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि इन खाताधारकों की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया जाए लेकिन कांग्रेस ने तीन साल तक एसआईटी गठित नहीं की। गांधी स्विस बैंक के खाताधारकों के नाम सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं तो उन्होंने तीन साल तक नाम क्यों उजागर नहीं किए।
शर्मा ने कहा कि सब लोग जानते हैं कि स्विस बैंक एवं अन्य इसी प्रकार के स्थानों में ऐसे ही बैंक रखने वाले देशों के साथ एक संधि है जिसके तहत जांच पूरी होने और आरोपपत्र तैयार होने के बाद ही उनके नाम सार्वजनिक किए जाएं अन्यथा वे बैंक आगे सहयोग नहीं करेंगे। अब गांधी अचानक उन नामों को सार्वजनिक करने की मांग करके क्या उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के कारण हुई लोगों की मौतें दुखद हैं और पार्टी इस बारे में संवेदनशील है लेकिन कांग्रेस मौतों पर राजनीति कर रही है। गांधी को बताना चाहिए कि संप्रग सरकार के कार्यकाल में ढाई लाख से अधिक किसानों ने आत्महत्या की है तो इसकी जिम्मेदारी क्या गांधी नहीं लेंगे।
शर्मा ने कहा कि गांंधी को लोकतंत्र का सम्मान करना चाहिए। उनकी जुबान जहरीली हो गई है और उनका केजरीवालीकरण हो गया है। वह चारों ओर झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने संसद नहीं चलने दी ताकि उनके झूठ का पर्दाफाश नहीं हो जाए। गांधी का प्रधानमंत्री पर झूठे आरोप लगाने का इतिहास रहा है। चर्च हमले, फरीदाबाद दलित घटना आदि के समय लगाये गए आरोप झूठे साबित हो चुके हैं, पर गांधी को उसका कोई खेद नहीं है।
उन्होंने कहा कि ‘इटली कांग्रेस’ के उपाध्यक्ष लोकतंत्र और भारत की संस्कृति में यकीन नहीं करते। कांग्रेस का अध्यक्ष या उपाध्यक्ष कौन हो, यह तो 10 जनपथ का परिवार तय कर सकता है लेकिन देश का प्रधानमंत्री कौन हो यह वह परिवार तय नहीं कर सकता।
भाजपा नेता ने कहा कि गांधी भाजपा को डराना बंद करें और लोकतंत्र का सम्मान करना सीखें। वह कंप्यूटर से निकाल-निकाल कर जादू दिखाना बंद करें। उन्हें सोचना चाहिए कि कांग्रेस उनके स्वयं के मकडज़ाल में फंस गई है। जनता ने कांग्रेस पर भरोसा करना बंद कर दिया है और कांग्रेस के नेताओं ने गांधी पर। अब तो विरोधी धड़े के दल भी कांग्रेस से दूर होने लगे हैं।