वाशिंगटन। नासा के वैज्ञानिकों को बृहस्पति के ग्रेट रेड स्पॉट के अंदरूनी हिस्से में पानी की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। दरअसल, पिछले 350 साल से अधिक समय से इस ग्रह पर एक तूफान आया हुआ है, जिसे ग्रेट रेड स्पॉट नाम दिया गया है।अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक इस पानी में ऑक्सीजन सहित कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भी है। इससे यह पता चलता है कि बृहस्पति पर सूरज की तुलना में दो से नौगुना ज्यादा ऑक्सीजन है।

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बृहस्पति पर मिले इन सबूतों और तथ्यों को एस्ट्रॉनोमिकल जर्नल में प्रकाशित किया गया है। इससे उस सिद्धांत और कंप्यूटर सिमुलेशन मॉडल के अनुमान को बल मिलता है जिसमें अनुमान लगाया गया था कि बृहस्पति पर प्रचुर मात्रा में पानी उपलब्ध है। द ग्रेट रेड स्पॉट पूरी तरह से घने बादलों से भरा हुआ है, जिससे विद्युत चुंबकीय ऊर्ज़ा का निकल पाना मुश्किल हो जाता है और इस वजह से इसके रसायनिक प्रक्रियाओं के बारे में अंतरिक्ष यात्रियों को ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती है।

नासा के गोदार्द स्पेस फ्लाइट सेंटर के एक खगोल वैज्ञानिक गोर्डन एल बजोराकेर ने बताया कि इस प्रयोग से यह साबित हुआ है कि रेड स्पॉट इतना भी घना नहीं है कि वह चीजों की तह में जाने की हमारी क्षमता को प्रभावित कर सके। गौरतलब है कि हालहि में नासा ने एक बयान में बताया कि ऑपरच्यूनिटी मिशन टीम ने रोवर से सफलता पूर्वक संपर्क की उच्चतम संभावना हासिल करने और उसे वापस लाने के लिए के लिए दो चरण वाली एक योजना विकसित की है। - एजेंसी
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