टाइफाइड जैसी गंभीर बिमारी के लिए असरकारक है ये मलाले....

Samachar Jagat | Monday, 22 Aug 2016 03:20:04 PM
This is effective for severe disease like typhoid compunction ....

टाइफाइड एक संक्रामाक बीमारी है जो लीवर में पेशानी होने की वजह से होती है। टाइफाइड की वजह से शरीर में बुखार आने लगता है और शरीर का सारा हिस्सा दर्द करने लगता है। टाइफाइड एक जानलेवा बीमारी भी है जिसका समय पर इलाज ना करवाने से इंसान की मौत तक हो सकती है।

टाइफाइड से बचने के लिए आप कुछ घरेलु उपचारों का उपयोग कर सकते हो। जो समय रहते टाइफाइड से ग्रसित इंसान को बचा सकता है।

टाइफाइड के लक्षण-

- पेट में दर्द रहना

- सिर दर्द अधिक और तेजी से होना

- शरीर में सुस्ती आना

- बुखार का अचानक से आना

- तनाव

- उल्टी होना

- अधिक पसीना आना और अधिक ठंड लगना

- पेचिश और कब्ज होना आदि।

 टाइफाइड बुखार के लक्षणों को जानने के बाद आपके लिए यह भी जानना जरूरी है आखिर किस वजह से होता है टाइफाइड यानि मियादी बुखार। टाइफाइड शरीर में संक्रमण की वजह से होता है जिससे यह सीधे लीवर को नुकसान पहुंचाता है फिर धीरे.धीरे पूरे शरीर को। यह बैक्टीरिया शरीर में इन  कारणों से प्रवेश करता है।

= पहला कारण गंदे व खराब पानी से नहाने से।

= दूसरा कारण गंदा पानी पीने से।

= गंदे पानी से खाना बनाने व फल और सब्जियों को धोने से
= और टाइफाइडस से ग्रसित इंसान के ज्यादा करीब जाने की वजह से भी दूसरे इंसान हो यह रोग होना आदि।

ये मसाले है इसका वैदिक उपचार-

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तुलसी और काली मिर्च का प्रयोग
टाइफाइड के बुखार से परेशान इंसान को तुलसी बहुत ही लाभ दे सकती है। काली मिर्च के पांच दानों और चार तुलसी के पत्तों  को पीसकर पेस्ट बनाएं। और इस पेस्ट को पानी के साथ मिलाकर बीमार इंसान को देते रहें। इस प्राकृतिक पेस्ट को रोगी को दिन में तीन बार सेवन कराएं।

लहसुन का सेवन
लीवर को टाइफाइड पूरी तरह से संक्रमित कर देता है। ऐसे में लहुसन की चार या पांच कलियों को भूनकर रोगी को सुबह खाली पेट सेवन कराएं।

गाजर
टाइफाइड के मरीज को गाजर का रस देना चाहिए। इसके अलावा वह कच्चे गाजर का भी सेवन कर सकता है।

अदरक और सेब

सेब और अदरक का जूस । यह जूस टाइफाइड को पूरी तरह से ठीक कर देता है। इसके लिए आप अदरक के चूर्ण यानि सौंठ को एक कप सेब के रस में मिलाकर रोगी को दिन में दो बार इस रस को पिलाएं।
 

पानी का सेवन
टाइफाइड होने की मुख्य वजह है गंदा पानी का सेवन। इसलिए टाइफाइड के मरीज को पानी उबाल कर पीने के लिए देना चाहिए। साथ ही पानी भरपूर मात्रा में भी पीना चाहिए। इससे शरीर को पोषक तत्व मिलते रहते हैं और टाइफाइड का प्रभाव कम होने लगता है।
 

आराम करें
जितना हो सके टाइफाइड के मरीज को आराम करने दें। शरीर को जितना आराम मिलेगा उतना ही वह टाइफाइड की बीमारी से ठीक होगा।
 

शहद का प्रयोग
शहद बहुत ही बेहतरीन दवा है टाइफाइड से बचने की। एक कप गर्म पानी में दो से तीन चम्मच शहद को मिलाकर टाइफाइड से ग्रसित इंसान को दिन में दो बार दें। शहद टाइफाइड के संक्रमण को खत्म करता है।
 

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पुदीना का इस्तेमाल
पुदीना बुखार को खत्म करता है। टाइफाइड की वजह से इंसान को कई बार तेज बुखार आने लगता है ऐसे में एक कप पानी में पुदीने और अदरक के पेस्ट को मिला लें और इसका सेवन दिन में दो बार करें।

यदि आपको इन कारगर वैदिक घरेलु उपचार से फर्क न पड़ रहा हो तो तुरंत रोगी को डॉक्टर के पास ले जाएं। ताकी समय पर रोगी का इलाज हो सके।



 

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