कल्पवृक्ष की देन थी भगवान शिव और माता पार्वती की ये पुत्री

Samachar Jagat | Thursday, 19 Jan 2017 10:57:07 AM
he daughter of Lord Shiva and Goddess Parvati

भगवान शिव के दो पुत्र गणेश और कार्तिकेय के बारे में तो सभी जानते हैं, इसके अलावा कई जगहों पर भगवान शिव के 6 पुत्र होने के बारे में भी वर्णन मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं भगवान शिव और माता पार्वती के एक पुत्री भी थी। इसका वर्णन बहुत कम जगहों पर किया गया है। कैसे हुई भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री की उत्पत्ति, आइए जानते हैं इसके बारे में.....

भगवान शिव और माता पार्वती की पुत्री का नाम अशोक सुंदरी था। यह कन्या कल्पवृक्ष की देन थी, कल्पवृक्ष को सभी की मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष माना जाता है, एक दिन माता पार्वती ने अपने अकेलेपन से परेशान होकर कल्पवृक्ष से एक कन्या की मांग की। इस प्रकार कल्पवृक्ष से अशोक सुंदरी का जन्म हुआ और ये माता पार्वती और भोलेनाथ की पुत्री कहलाई।

माता पार्वती ने उस कन्या को वरदान दिया कि उसका विवाह देवराज इंद्र जैसे बलशाली युवा नहुष से होगा, एक बार अशोक सुंदरी अपनी दासियों के साथ नंदनवन में विहार कर रही थी, उसी समय वहां हुंड नामक राक्षस का आया और अशोक सुंदरी के रूप पर मोहित होकर उससे विवाह के बारे में सोचने लगा, ये प्रस्ताव उसने अशोक सुंदरी के सामने भी रखा, लेकिन अशोक सुंदरी ने बताया कि उनका विवाह नहुष से ही होगा।

राक्षस ने कहा कि वह नहुष को मार डालेगा, यह सुनकर अशोक सुंदरी ने राक्षस को श्राप दिया कि उसकी मृत्यु नहुष के हाथों ही होगी। राक्षस ने नहुष का अपहरण कर लिया लेकिन वे एक दासी की मदद से राक्षस से बच निकले और इस तरह महर्षि वशिष्ठ के आश्रम में नहुष बड़े हुए और उन्होंने हुंड का वध किया। इसके बाद नहुष तथा अशोक सुंदरी का विवाह हुआ।



 

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