आज से होलाष्टक शुरू हो गए हैं ये 12 मार्च तक रहेंगे। 12 मार्च को होलिका दहन होगा और रंग वाली होली का त्यौहार 13 मार्च को मनाया जाएगा। आपको बता दें कि होली से सात दिन पहले ही होलाष्टक लग जाते हैं और इसी दिन से होलिका दहन की तैयारियां शुरू हो जाती हैं।
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इसकी शुरुआत फाल्गुन शुक्ल पक्ष अष्टमी से होती है इसलिए इसे होलाष्टक कहते हैं। होलाष्टक में शुभ कार्य वर्जित होते हैं क्योंकि होलिका दहन को दाहकर्म और मृत्यु का सूचक माना गया है। इन आठ दिनों में क्रमशः अष्टमी तिथि को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को वृहस्पति, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु ग्रह उग्र रूप लिए माने जाते हैं, जिनसे अनिष्ट होने की संभावना रहती है इसलिए इस अवधी में शुभ काम की शुरुआत नहीं होती है।
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हिंदू रिवाज के अनुसार होलाष्टक के पहले दिन होलिका दहन के लिए 2 डंडे स्थापित किए जाते हैं, जिसमें से एक को होलिका और दूसरे को प्रह्लाद माना जाता है।
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