चोर की बावड़ी हरियाणा में स्थित है, इस बावड़ी का इतिहास में एक खास स्थान है। मुगलकाल में बनी इस बावड़ी में अरबों रुपए का खजाना छुपा हुआ है। वहीं इसमें ऐसी सुरंगों का जाल है जो दिल्ली, हिसार और लाहौर तक जाती हैं। बावड़ी में लगे फारसी भाषा के एक अभिलेख के अनुसार इसका निर्माण 1658-59 ईसवी में मुगल राजा शाहजहां के सूबेदार सैद्यू कलाल ने करवाया था।
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इसमें एक कुआ है जिसके अंदर जाने के लिए 101 सीढ़ियां उतरनी पड़ती है। इस बावड़ी में अरबों रूपए का खजाना कहां से आया इसके पीछे एक कहानी छिपी हुई है। यहां के लोगों के बताए अनुसार इस बावड़ी में एक ज्ञानी नामक शातिर चोर रहता था। वह धनवानों को लूटकर इस बावड़ी में छलांग लगाकर गायब हो जाता था।
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लोगों का अनुमान है कि ज्ञानी चोर द्वारा लूटा गया सारा धन इसी बावड़ी में मौजूद है। जो भी इस खजाने की खोज में अंदर गया, वो इस बावड़ी की भूल-भुलैया में खोकर खुद एक रहस्य हो गया।
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