मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने आज नवी मुंबई नगर निगम से कहा कि वह अपना रख साफ करे कि सिडको के स्वामित्व वाले छह खाली भूखंडों पर उसका क्या करने का प्रस्ताव है और गौर किया कि अगर एनएमएमसी संपत्ति को रखना चाहती है तो या तो उसे खरीदने की आवश्यकता है या खाली करने की आवश्यकता है।
मुख्य न्यायाधीश मंजुला चेल्लूर की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ अधिवक्ता प्रवीण उपाध्याय द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें एनएमएमसी के खिलाफ भूखंडों के कथित तौर पर अतिक्रमण और शहर एवं औद्योगिक विकास निगम सिडको से भूमि खरीदे बिना सार्वजनिक बगीचे के तौर पर विकसित करने के लिए कार्रवाई की मांग की गई थी।
याचिका के अनुसार बगीचे में एक दीवार है और नवी मुंबई के पार्सिक हिल स्थित मेयर के बंगले को सिर्फ बगीचे की पहुंच हासिल है। अदालत ने कहा, नगर निकाय से उम्मीद की जाती है कि वह अवैध अतिक्रमण पर अंकुश रखे। सिडको द्वारा किसी भी आवंटन की अनुपस्थिति में निगम को भूखंड को बगीचे में तब्दील करने का कोई अधिकार नहीं है।