इंटरनेट डेस्क। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान जगजाहिर है। कांग्रेस आलाकमान को अब इस बात की चिंता सताने लगी है कि मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत के आरसीए अध्यक्ष बनने के बाद कही जाट वोट बैंक कांग्रेस से दूर नहीं हो जाए। पिछले दिनों जाट नेता रामेश्वर डूडी के द्वारा आरसीए में घटनाक्रम हुआ। डूडी गुट के व्यक्ति को आरसीए का अध्यक्ष नहीं बनाएं जाने के बाद चिंताओं के बादल राजस्थान की कांग्रेस पर मंडराना प्रारंभ हो गएं है।
साले मोहम्मद ने ली बम महादेव पर चाय की चुस्किया

ऐसे में जाट वोट बैंक को बनाएं रखने के लिए डेमेज कंट्रोल करने के उपाय भी सोचे जा रहे है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद रामेश्वर डूडी आरसीए के अध्यक्ष बनना चाहते थे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री के पुत्र वैभव गहलोत को मैदान में उतार दिया। निर्वाचन अधिकारी आरआर रश्मी द्वारा नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर डूडी के निर्वाचन को भी सही नहीं माना, जिस कारण वे आरसीए अध्यक्ष नहीं बन सके। इस मुद्दे को लेकर डूडी ने मुख्यमंत्री व जोशी पर कई आरोप लगाते हुए जाट और किसान को क्रिकेट से दूर करने के लिए षड्यंत्र करने की बात कही थी। डूडी ने कहा कि दो विधानसभा सीटों के उपचुनाव और पंचायत चुनाव में जाट व किसानों की नाराजगी को असर कांग्रेस को भुगतना पड़ेगा। जाट नेता व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने डूडी को आरसीए चुनाव से दूर रखने के लिए सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शराब बंदी का किया समर्थन

बेनीवाल ने कांग्रेस को जाट विरोधी तक करार दिया। अब कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव विवेक बंसल ने माना कि आरसीए चुनाव में जो कुछ घटनाक्रम हुआ, वह नहीं होना चाहिए था। यह दुर्भाग्यपूर्ण था। बंसल ने कहा कि इस विवाद का असर पक्का विधानसभा उपचुनाव पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ वह सार्वजनिक रूप से नहीं होना चाहिए था। सूत्रों के अनुसार, बंसल ने इस बारे में अपनी रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को सौंपी है। इससे पहले सचिन पायलट ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि आरसीए चुनाव में सार्वजनिक रूप से बयानबाजी नहीं होनी चाहिए थी। आपस में बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए था। पायलट ने कहा था कि मैं उम्मीद करता हूं कि आरसीए विवाद का असर खींवसर व मंडावा विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव पर नहीं हो। इन दोनों सीटों पर 21 अक्टूबर को मतदान होगा। पिछले पांच साल विपक्ष में रहते हुए डूडी विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता थे। कांग्रेस ने उन्हे जाट नेता के रूप में प्रचारित करते हुए विधायक दल का नेता बनाया था। अब आरसीए चुनाव को लेकर जाट समाज की नाराजगी की चिंता पार्टी नेतृत्व को सताने लगी है।