राजस्थान की सियासत में फिर गरमाहट! गहलोत ने दी शेखावत को सलाह, मिला तीखा जवाब

epaper | Friday, 27 Jun 2025 07:48:49 PM
Rajasthan politics heats up again! Gehlot gave advice to Shekhawat, got a sharp reply

राजस्थान की राजनीति में ताजा टकराव

राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। जहां गहलोत ने शेखावत को संजीवनी घोटाले से जुड़ा केस वापस लेने की सलाह दी, वहीं शेखावत ने सोशल मीडिया पर तीखे शब्दों में जवाब दिया है।


गहलोत की सलाह: ‘मिल बैठकर हल निकालें’

अशोक गहलोत ने कहा,

“शेखावत को केस वापस ले लेना चाहिए। मैंने तो सिर्फ दस्तावेजों के आधार पर उनके माता-पिता के नाम का जिक्र किया था। उन्होंने इस पर दिल्ली में केस कर दिया। अब तक 15 बार पेशी हो चुकी है। वे भी आते हैं, मैं भी आता हूं। अगर वे इस केस को वापस ले लें तो हम पीड़ित संघर्ष समिति के साथ बैठकर बात कर सकते हैं।”

गहलोत ने यह भी कहा कि यदि शेखावत सच में निर्दोष हैं, तो उन्हें पीड़ितों के सामने आकर बात करनी चाहिए।

शेखावत का करारा जवाब: “एक और एहसान सही”

गहलोत के बयान पर केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा:

“मुझे बदनाम करने से तुम्हारा काम बनता है तो चलो एक एहसान और सही।”

शेखावत ने आरोप लगाया कि गहलोत अपने बेटे वैभव गहलोत के राजनीतिक करियर को चमकाने के लिए उन्हें बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गहलोत संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी मामले में उनका नाम जबरन घसीटते रहे, लेकिन वे न्यायालय से दोषमुक्त हो चुके हैं।

“उच्च न्यायालय ने मुझे दोषमुक्त माना” - शेखावत

शेखावत ने लिखा:

“गहलोत भली-भांति जानते हैं कि मैं निर्दोष हूं। लेकिन मेरा सबसे बड़ा ‘दोष’ यह है कि जनता का मुझसे प्रेम, और मेरे परिश्रम ने उनके पुत्र के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।”

उन्होंने गहलोत पर आरोप लगाया कि वे राजनीतिक हताशा और हार की बौखलाहट में संजीवनी घोटाले के पीड़ितों की वेदना का उपयोग राजनीतिक हथियार के तौर पर कर रहे हैं।

क्या है संजीवनी घोटाला?

राजस्थान के चर्चित संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव घोटाले में लाखों निवेशकों की रकम डूब गई थी। इस केस में गजेन्द्र सिंह शेखावत का नाम कई बार चर्चा में आया, लेकिन उन्होंने हर बार इससे इनकार किया।
अशोक गहलोत ने बतौर मुख्यमंत्री रहते हुए कई बार शेखावत को घेरने की कोशिश की थी और इस मामले में दिल्ली में मानहानि का मुकदमा भी चल रहा है।

राजनीतिक पृष्ठभूमि और ताजा विवाद

गहलोत इस समय जोधपुर दौरे पर हैं, और उन्होंने दो दिन पहले ही यह बयान दिया था कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को हटाने की साजिश रची जा रही है। इस बयान से भी प्रदेश की राजनीति में उबाल आ गया है।

राजनीतिक विश्लेषण: बयानबाजी के पीछे असली संदेश

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अशोक गहलोत और गजेन्द्र सिंह शेखावत के बीच यह टकराव सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच जारी सियासी रस्साकशी का प्रतीक है। जहां गहलोत 2028 की रणनीति में सक्रिय नजर आ रहे हैं, वहीं शेखावत खुद को बीजेपी के भविष्य के बड़े चेहरे के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।

सियासी हमले और व्यक्तिगत कटाक्ष का दौर

राजस्थान की राजनीति में बयान और जवाबी बयान की परंपरा नई नहीं है, लेकिन अशोक गहलोत और गजेन्द्र सिंह शेखावत के बीच जो टकराव चल रहा है, वह अब सियासी की बजाय व्यक्तिगत सम्मान और छवि की लड़ाई बनता जा रहा है। आगे देखना यह होगा कि यह मामला किस दिशा में बढ़ता है — सुलह की ओर या और टकराव की ओर।



 


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