ढाका। बांग्लादेश में ढाका के एक कैफे पर एक जुलाई को हुए हमले में शामिल एक आतंकी समूह के प्रमुख को यहां की एक अदालत ने देश की संप्रभुता के खिलाफ साजिश रचने के मामले में आरोपित किया है। इस हमले में एक भारतीय युवती सहित 22 लोग मारे गए थे।
अभियोजक तापस कुमार पॉल ने संवाददाताओं को बताया कि अंसारूल्ला बांग्ला टीम एबीटी के प्रमुख जसीमुद्दीन रहमानी और नौ अन्य को अभ्यारोपित किया है जबकि उनमें से चार पेश हुए थे। ढाका के मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश कमरूल हुसैन मुल्ला ने चार जनवरी की तारीख सुनवाई शुरू करने के लिए मुकर्रर की है।
उन्होंने कहा कि बाकी के आरोपी फरार हैं और उनकी अनुपस्थिति में मुकदमे की सुनवाई होगी।
पॉल ने कहा कि रहमानी की गिरफ्तारी के बाद मामला दायर होने के बाद अभ्यारोपित करने में दो साल लगे। आतंकवाद निरोधक कानून के तहत किसी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए जरूरी सरकार की मंजूरी हासिल करने की प्रक्रिया की वजह से यह देरी हुई।
रहमानी को एबीटी का तथाकित आध्यात्मिक गुरू समझा जाता है जो अपने प्रवचनों के जरिए आतंकवाद के लिए उकसाने का आरोपी है।
इस महीने के शुरू में पुलिस ने दोबारा से पुष्टि की थी एबीटी का ऑपरेशनल प्रमुख सेना का गद्दार मेजर है, जो फरार है और उसके सिर पर इनाम है।
उन्होंने कहा कि बर्खास्त मेजर सईद जिया उल हक देश में धर्मनिरपेक्ष लेखकों और ब्लॉगरों की हत्या की श्रृंखला का प्रमुख मास्टरमाइंड है।