Rajasthan ke Prasiddh Shiv Mandir: सावन में करें इन 5 प्राचीन मंदिरों के दर्शन, शिव कृपा से होगी हर इच्छा पूरी

epaper | Tuesday, 24 Jun 2025 06:00:30 PM
Rajasthan's famous Shiv Mandir: Visit these 5 ancient temples in Sawan, every wish will be fulfilled by the grace of Shiva

Rajasthan 5 Famous Shiv Temples – भोलेनाथ का प्रिय मास सावन इस साल 11 जुलाई से शुरू हो रहा है। इस पावन अवसर पर यदि आप भगवान शिव का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो राजस्थान के इन पांच प्रमुख शिव मंदिरों में दर्शन करना न भूलें। यह मंदिर न सिर्फ ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनसे जुड़ी कई चमत्कारी कथाएं और मान्यताएं भी हैं।

1. अचलेश्वर महादेव मंदिर (धौलपुर)

  • राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित यह मंदिर भगवान शिव के सबसे रहस्यमयी मंदिरों में गिना जाता है।

  • यहां भगवान शिव के अंगूठे की पूजा की जाती है।

  • मान्यता है कि शिवलिंग का रंग दिन में तीन बार बदलता है – यह परिवर्तन भक्तों के लिए विशेष संकेत माना जाता है।

  • सावन और महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है।

2. घुश्मेश्वर महादेव मंदिर (शिवाड़, सवाई माधोपुर)

  • यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।

  • घुश्मा और सुदेहा नाम की दो बहनों की कथा इस मंदिर से जुड़ी है।

  • इतिहास में दर्ज है कि महमूद गजनवी और अलाउद्दीन खिलजी जैसे आक्रमणकारी भी इस मंदिर को नहीं मिटा सके।

  • सावन में यहां की गूंजती “हर हर महादेव” की आवाज़ भक्तों को भावविभोर कर देती है।

3. झारखंड महादेव मंदिर (जयपुर)

  • जयपुर के वैशाली नगर क्षेत्र में स्थित यह मंदिर पहले घनी झाड़ियों से घिरा था, इसलिए इसका नाम ‘झारखंड महादेव’ पड़ा।

  • मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय शैली में बनी है।

  • साल 1918 तक यह मंदिर छोटा था, लेकिन बढ़ते श्रद्धालुओं के कारण इसका विस्तार किया गया।

  • मान्यता है कि यहां हर मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है।

4. सारणेश्वर महादेव मंदिर (सिरोही)

  • सिरोही जिले में स्थित यह मंदिर शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है।

  • पौराणिक कथा के अनुसार, अलाउद्दीन खिलजी जब मंदिर पर चढ़ाई करने आया तो उसका शरीर रोगग्रस्त हो गया।

  • मंदिर के पीछे की बावड़ी के जल से उसका रोग ठीक हुआ, जिसके बाद उसने हमला रोक दिया।

  • कहा जाता है कि यहां का पानी त्वचा रोगों को ठीक कर देता है।

5. जालंधरनाथ महादेव मंदिर (जालोर)

  • यह मंदिर 13वीं शताब्दी में राजा कान्हड़देव सोनगरा चौहान द्वारा बनवाया गया था।

  • यहां भगवान शिव के साथ माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय की भी पूजा होती है।

  • इसे सोमनाथ से जुड़े शिवलिंग के अंश के रूप में पूजा जाता है।

  • यह मंदिर राजस्थान के प्रमुख तीर्थ स्थलों में गिना जाता है।

सावन का महीना आध्यात्मिक उन्नति और भगवान शिव की कृपा पाने का विशेष समय होता है। यदि आप भी शिव भक्ति से जीवन के कष्टों का समाधान चाहते हैं, तो इन पांच प्राचीन मंदिरों के दर्शन अवश्य करें। शिव की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन निश्चित है।

हर हर महादेव! सावन की शुभकामनाएं!
 



 


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