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साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगने वाला है। यह ग्रहण भारतीय समयानुसार दोपहर 2:21 बजे शुरू होकर शाम 6:16 बजे समाप्त होगा। यह ग्रहण कुल 3 घंटे 53 मिनट तक रहेगा। हिंदू धर्म और ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण का समय विशेष माना जाता है और इस दौरान कुछ सावधानियां बरतनी आवश्यक होती हैं।
ग्रहण से जुड़ी मान्यताएँ
हिंदू धर्म और ज्योतिष में ग्रहण का विशेष महत्व होता है। मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाओं को सावधान रहने की सलाह दी जाती है। इस दौरान उन्हें कुछ भी छीलने या काटने से बचना चाहिए। इसके अलावा, ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए तुलसी के पत्ते डालकर उबला हुआ पानी पीने की परंपरा भी प्रचलित है। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा से बचा जा सकता है।
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या खाएं और क्या नहीं?
सूर्य ग्रहण के दौरान भोजन करने से बचना चाहिए, खासकर जो लोग स्वस्थ हैं और उपवास रखने में सक्षम हैं। हालांकि, बीमार और बुजुर्ग लोगों को उपवास न रखने की सलाह दी जाती है। ग्रहण के दौरान और उसके बाद कुछ विशेष सावधानियां अपनानी चाहिए:
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क्या खा सकते हैं?
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केले, सेब और अनार जैसे ताजे फल ग्रहण के दौरान शुद्ध माने जाते हैं।
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सूखे मेवे कम मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि ये बिना किसी नियम को तोड़े ऊर्जा प्रदान करते हैं।
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पूर्ण उपवास रखने वाले लोग ग्रहण समाप्त होने के बाद ही भोजन ग्रहण करें।
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क्या नहीं खाना चाहिए?
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मांस, मछली और अंडे का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये तामसिक भोजन माने जाते हैं।
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ग्रहण से पहले बने हुए भोजन को ग्रहण के बाद खाने से बचें।
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ग्रहण के दौरान दूध, दही और अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए।
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अधिक तले-भुने या मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए।
भारत में सूर्य ग्रहण का प्रभाव
यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, उत्तरी अमेरिका के कुछ हिस्सों, उत्तरी एशिया, उत्तर-पश्चिमी अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी ध्रुव, आर्कटिक महासागर और अटलांटिक महासागर में देखा जाएगा। चूंकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, इसलिए इसका धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव भी भारत में नहीं पड़ेगा।
इस साल कब लगेगा चंद्रग्रहण?
2025 का पहला चंद्रग्रहण 14 मार्च को लग चुका है। इसके बाद 7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जो पूरे भारत में देखा जा सकेगा। यह चंद्र ग्रहण एशिया, यूरोप, अंटार्कटिका, पश्चिमी प्रशांत महासागर, ऑस्ट्रेलिया और हिंद महासागर क्षेत्र में भी नजर आएगा।
निष्कर्ष
सूर्य ग्रहण 2025 को लेकर कई धार्मिक मान्यताएँ और वैज्ञानिक तथ्य मौजूद हैं। इस दौरान उपवास रखना और शुद्ध आहार ग्रहण करना लाभकारी माना जाता है। हालांकि, यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन इससे जुड़ी परंपराओं और नियमों का पालन करना धार्मिक दृष्टि से शुभ माना जाता है।