नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी.नड्डा ने रविवार को कहा कि अंगों का दान एक उपहार है और यह एक परोपकारी, भेदभावहीन तथा नैतिक कार्य है।
नड्डा ने नई दिल्ली में केन्द्र सरकार के सभी अस्पतालों के अधिकारियों, कर्मचारियों, चिकित्सकों, नर्सों और अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ के सदस्यों समेत हजारों लोगों के साथ अपने अंग दान करने की प्रतिज्ञा ली। इस अवसर पर अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए सुबह इंडिया गेट पर आयोजित वॉकथान में भाग लेने के लिए हजारों प्रतिभागी भी उपस्थित थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि अंगों का दान एक उपहार है और यह एक परोपकारी, भेदभावहीन और नैतिक कार्य है। हम अपने अंगों को दान देने के साथ‘एक जीवन के अंत’को एक नई शुरुआत में बदल सकते हैं। हमें अंगदान को एक राष्ट्रीय आंदोलन बनाते हुए दुनिया है यह दिखाना है कि मृत्यु के मामले में भी हम व्यापक रूप में अपने साथी नागरिकों और मानवता की देखभाल करते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय अंग दान को सुविधाजनक बनाने के लिए वर्तमान में नियमों, विनियमों और प्रोटोकॉल तैयार कर रहा है। देश में हर साल लगभग 1.5 लाख लोगों के मस्तिष्क मृत हो रहे हैं और उन रोगियों के अंगों को कई लाख लोगों की जान बचाने में उपयोग किया जा सकता है। यह चिंता का विषय है कि देश के भीतर मौजूदा अंग दान और प्रत्यारोपण दर आवश्यकता के अनुरूप नहीं है।
उन्होंने कहा कि शव अंगों और ऊतकों को सुरक्षित निकालने और रखने के लिए निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं और इसके परिणामस्वरूप बहुत से लोगों की जान बचाई जा सकी है।
नड्डा ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय मृतक व्यक्तियों के अंग दान को बढ़ावा देने और इस तरह के प्रत्यारोपण के लिए अंगों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रीय अंग प्रत्यारोपण कार्यक्रम लागू कर रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत बड़ी संख्या में गतिविधियों को शुरू किया गया है।