जम्मू। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कश्मीर में शांति बहाली की राह में हुर्रियत को सबसे बड़ी बाधा बताया है। उन्होंने पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में समन्वय की कमी और भाजपा के मंत्रियों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज किया है।
उन्होंने फिलहाल रियासत में भाजपा मंत्रियों में फेरबदल की संभावना से भी इंकार किया है। अपने दो दिवसीय दौरे के समापन पर पत्रकारों से बातचीत में राम माधव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हुर्रियत कांफ्रेंस टूरिस्ट को नहीं टेररिस्ट (आतंकवादी) को प्रोत्साहित करती है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर हुर्रियत ने घाटी में टूरिस्ट आमंत्रित करने की बात की है तो उसे स्पेलिंग में गलती लगी होगी।
भाजपा मंत्रियों पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि आरोप का कोई आधार नहीं है। पार्टी विधायकों द्वारा मंत्रियों पर अनदेखी के आरोप लगाए जाने पर राम माधव ने कहा किसी भी संगठन में छोटी मोटी बातें होती रहती हैं। वह समय-समय पर रियासत का दौरा करते हैं और फीड बैक लेते हैं। कोई गंभीर मसला नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि भाजपा मंत्रियों को हिदायत दी गई है कि वह जन आकांक्षाओं को पूरा करने की तरफ तेज गति से कार्य करें। कहा कि पीडीपी-भाजपा गठबंधन सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। नोटबंदी पर राम माधव ने कहा कि देश की जनता का साथ केंद्र सरकार को मिल रहा है। थोड़ी सी मुश्किल जरूर हो रही है, लेकिन, देश हित में जनता मोदी सरकार के साथ है।
राम माधव नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारूक अब्दुल्ला और उनके पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के हालिया बयानों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा या तो इन दोनों का मन बदल गया है या फिर सियासी लाभ लेने के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए यह लोग र्हुिर्रयत के खिलाफ बातें करते रहे। अब हुर्रियत के साथ चलने की बात कर रहे हैं। आखिर नेकां को हो क्या गया है?