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इंटरनेट डेस्क। आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को फांसी देने की तैयारी की जा रही है। मथुरा जेल प्रशासन इसकी तैयारियों में जुट गया है। वहीं फांसी पर झुलाने के लिए पवन जल्लाद को भी इत्तला कर दी गई है। निर्भया गैंगरेप के दोषियों को फांसी पर झुलाने के बाद पवन ने मथुरा जेल जाकर अपनी अगली फांसी की तैयारियों का जायजा लिया है।
जिस महिला को फांसी दी जानी है उसका नाम शबनम अली (38) है। वह अपने परिवार के सात सदस्यों की निर्दयता पूर्वक हत्या करने की दोषी है। शबनम आजाद भारत में फांसी पर झूलने वाली पहली महिला होगी। भारत में महिलाओं को फांसी की सजा मिलती रही है लेकिन उनकी यह सजा आजीवन कारावास में तब्दील होती गई है।
अमरोहा की जेल में बंद शबनम ने अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर 14 अप्रैल 2008 की रात को अपने मां-बाप, दो भाई, एक भाभी, मौसी की लड़की और मासूम भतीजे को कुल्हाड़ी से काट कर मार डाला था। उसने इन सभी को दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोश कर दिया था।
मास्टर्स की दो डिग्रियां रखने वाली शबनम वारदात के समय 25 साली की थी और अपने प्रेमी सलीम से शादी करना चाहती थी। सलीम ने कक्षा छठवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। शबनम का परिवार इस शादी के खिलाफ था।