मानसून ट्रैवलिंग के लिए जाना हैं तो जान लीजिए बेस्ट डेस्टिनेशंस

Samachar Jagat | Sunday, 24 Jul 2016 12:45:08 PM
best destinations for outing in monsoon season

नई दिल्ली. मानसून के दौरान आसमान से गिरती बारिश की बूंदों के साथ ट्रैवल का अपना एक अलग ही एक्सपीरियंस होता है, क्योंकि इस मौसम में प्रकृति की खूबसूरती और ज्यादा निखर उठती है। अगर आप भी प्रकृति के शानदार नजारों का लुत्फ उठाना चाहते हैं, तो निकल पड़िए कुछ ऐसे डेस्टिनेशंस की ओर, जहां मानसून में बादलों की अठखेलियां और प्राकृतिक नजारों का सौंदर्य देखते ही बनता है।
 
इन दिनों लगभग पूरे देश में बारिश हो रही है। घुमक्कड़ी के शौकीन लोगों के लिए यह मौसम विशेष रूप से आकर्षित करता है। अगर आप भी इसी मिजाज के हैं तो हो जाइए तैयार। हम आपको बता रहे हैं देश के कुछ ऐसे पर्यटक स्थलों के बारे में, जिसका सौंदर्य बारिश में और निखर उठता है। 
 
मांडू, मध्यप्रदेश

मानसून में ट्रैवल की बात हो, तो मांडू को आप मिस नहीं कर सकते। मानसून के दौरान यहां की खूबसूरती और ज्यादा निखर उठती है। वैसे, यहां पर देखने के लिए आपको बहुत सी पुरानी इमारतें और सुनने को कहानियां मिलेंगी। रानी रूपमती का महल प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह रानी रूपमती और राजा बाज बहादुर के अमर प्रेम का साक्षी है। इस महल को बाज बहादुर ने अपनी रानी के लिए ऊंची पत्थर की चट्टानों पर बनवाया था। इन चट्टानों की ऊंचाई 400 मीटर है। जहाज महल भी देखने लायक जगह है। इसे दो कृत्रिम तालाबों के बीच बनाया गया है। यह वास्तुकला का बड़ा ही सुंदर नमूना है। दूर से इस महल को देखने पर लगता है कि जैसे पानी पर जहाज तैर रहा हो। हिंडोला महल का निर्माण हुशंगशाह के शासन काल में किया गया था। यह महल एक तरफ से झुका होने के कारण दूर से देखने पर झूले जैसा दिखाई देता है। इसलिए इसे हिंडोला महल कहा जाता है। मानसून के दौरान मांडू की यादगार यात्रा को लंबे समय तक भूल नहीं पाएंगे। 
कैसे जाएं: मांडू मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से 283 किलोमीटर की दूरी पर और इंदौर से सिर्फ 99 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नजदीकी रेलवे स्टेशन रतलाम 124 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि मध्य प्रदेश के तमाम शहरों से यह सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है।

मोरनी, हरियाणा 

मानसून में ट्रैवल की प्लानिंग बना रहे हैं, तो हरियाणा का इकलौता हिल स्टेशन मोरनी परफेक्ट डेस्टिनेशन है। यह चंडीगढ़ से केवल 45 किलोमीटर की दूरी पर शिवालिक रेंज के मोरनी गांव में स्थित है। मानसून के सीजन में यहां का प्राकृतिक नजारा बड़ा ही मनोहारी होता है। इस पहाड़ी के शीर्ष पर एक मोटल है, जहां से इस घाटी के मंत्रमुग्ध कर देने वाले नजारे देखे जा सकते हैं। यहां स्विमिंग पूल, रोलर स्केटिंग रिंक और बच्चों के लिए खेल का मैदान भी है। खासकर एडवेंचर पसंद करने वाले पर्यटकों के लिए मोरनी हिल्स हमेशा से पसंदीदा केंद्र है। मोरनी हिल्स में स्थित टिक्कर ताल, बड़ा टिक्कर और छोटा टिक्कर झीलें हैं। यहां टिक्कर ताल के पास एडवेंचर स्पोर्ट्स की तो व्यवस्था है ही, बोटिंग आदि का भी आनंद उठा सकते हैं। यहां ठहरने के लिए हरियाणा टूरिज्म ने कई श्रेणी के कमरों की व्यवस्था की है, जहां आप खासकर बारिश के मौसम में ठहर कर इस हिल स्टेशन का आनंद उठा सकते हैं। यहां मौसम ठीक रहने पर पैरा ग्लाइडिंग आदि का लुत्फ उठाया जा सकता है। 
कैसे जाएं: दिल्ली से मोरनी हिल्स की दूरी करीब 276 किलोमीटर और चंडीगढ़ से 45 किलोमीटर की दूरी है। चंडीगढ़ यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन है। यह हवाई, सड़क और ट्रेन मार्ग से जुड़ा हुआ है।
 
पंचमढ़ी, मध्य प्रदेश

यह मध्य प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन है, जो बारिश के मौसम में अपने खिले सौंदर्य पर और इठलाने लगता है। यहां के 12 वाटरफॉल्स इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाते रहते हैं। होशंगाबाद जिले में स्थित पंचमढ़ी 1100 मीटर की ऊंचाई पर बसा है। सुंदर पहाड़ियों से घिरा यह पर्यटन स्थल मध्य प्रदेश का सबसे ऊंचा पर्यटन स्थल है। खूबसूरत वाटरफॉल्स, शांत कलकल बहती नदी, खूबसूरत घाटियों के अलावा, पंचमढ़ी का पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व भी है। मान्यता है कि पंचमढ़ी पांडवों की पांच गुफाओं से बना है। कहा जाता है कि पांडवों ने अपने अज्ञातवास के दौरान ज्यादा समय यहीं बिताया था। 
कैसे जाएं: सड़क मार्ग से पंचमढ़ी भोपाल और इंदौर से जुड़ा हुआ है। पंचमढ़ी पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन पिपरिया है, जो केवल 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर आप हवाई मार्ग से पहुंचना चाहते हैं तो भोपाल और नागपुर यहां से नजदीकी एयरपोर्ट हैं।
 
लोनावाला, महाराष्ट्र

मानसून में सैर के लिहाज से महाराष्ट्र का लोनावाला हिल स्टेशन लोकप्रिय है। इस सीजन में लोनावाला की सैर का अपना एक अलग आनंद है। चारों तरफ फैली भरपूर हरियाली से यहां का सौंदर्य खिल उठता है। बारिश में घाटी की खूबसूरती ऐसे निखर जाती है कि आप इसे अपने कैमरे में कैप्चर किए बिना नहीं रह पाएंगे। यहां का वाटरफॉल प्रकृति प्रेमियों के बीच बहुत पॉपुलर है। आस-पास के क्षेत्र में दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बौद्ध केंद्र दर्शनीय हैं। इन मंदिरों का निर्माण पत्थरों को काट कर किया गया था। 
कैसे जाएं: मुंबई से लोनावाला की दूरी करीब 84 किलोमीटर है।  जबकि पुणे से यह करीब 67 किलोमीटर की दूरी पर है। यहां से एक से डेढ़ घंटे में पहुंचा जा सकता है। लोनावाला में रेलवे स्टेशन भी है।
 
कोडइकनाल, तमिलनाडु

तमिलनाडु के पश्चिमी घाट के पलानी हिल्स पर स्थित कोडइकनाल भी खूबसूरत मानसून डेस्टिनेशन है। मनमोहक सौंदर्य की वजह से इसे ‘प्रिंसेज आॅफ हिल स्टेशंस’ भी कहा जाता है। खासकर मानसून के दौरान यहां का प्राकृतिक रंग-रूप देखने लायक होता है। एक ओर जहां आप फूलों की महक से मंत्रमुग्ध हो जाएंगे, वहीं दूसरी ओर उतार-चढ़ाव वाले रास्ते और झरना देख कहीं और जाने का मन नहीं करेगा। यहां कोडइ झील देखना न भूलें। यह कोडइकनाल के बीचों-बीच स्थित है। बियर शोला फॉल्स, पिलर रॉक्स, फैरी फॉल्स, गोल्फ क्लब आदि देखने लायक जगहें हैं। सस्पेंशन ब्रिज से फॉल्स को निहारने का अपना एक अलग ही आनंद है। 
कैसे जाएं: कोडइकनाल का नजदीकी रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा मदुरै (120 किलोमीटर) है। चेन्नई और कोयंबटूर से मदुरै सड़क, रेल और हवाई मार्ग से जुड़ा है। 

वायनाड, केरल

मानसून में ट्रैवल के लिहाज से केरल सबसे बेहतरीन है। ‘गॉड आॅन कंट्री’ के नाम से मशहूर केरल के वायनाड में मानसून के दौरान देशी-विदेशी पर्यटकों की अच्छी-खासी भीड़ देखी जा सकती है। खास बात यह है कि हर साल मानसून के दौरान यहां के टूरिज्म आॅर्गेनाइजेशन मानसून टूरिज्म कार्निवल का आयोजन करते हैं। इस दौरान यहां आने वाले टूरिस्ट आउटडोर एक्टिविटीज, जैसे -रिवर क्रॉसिंग, मड फुटबॉल,  ट्रैकिंग, चाय, कॉफी और मसालों के बागानों में घूम सकते हैं। नेचुरल ब्यूटी के अलावा, यहां वाइल्डलाइफ का लुत्फ भी उठाया जा सकता है। यह समुद्र तल से करीब 2100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। चारों तरह फैली हरियाली के साथ धुंध से भरी पहाड़ियों और शुद्ध हवा आपके वायनाड की सैर को अविस्मरणीय अहसास देगी। यहां आप एडक्कल गुफाएं, थिरूनली मंदिर,  पाकशिपथलम मकबरा, पजीहस्सी राजा का मकबरा, पुकूट झील की सैर जरूर करें।
कैसे जाएं: नजदीकी एयरपोर्ट और स्टेशन कोझिकोड कोझिकोड है। यह केरल के तमाम इलाकों से सड़क मार्ग से जुड़ा है। नेशनल हाइवे 17 इसे दूसरे इलाकों से जोड़ता है। 
 

 रखें ध्यान

मानसून में यात्रा पर जाने के पूर्व विंड चीटर, छाता, गर्म कपड़े और जरूरी दवाइयां जरूर साथ रखें। हां, एक बात का और ध्यान रखें। बारिश के मौसम में स्वच्छ पानी का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, क्योंकि यह आपकी तबीयत खराब कर सकती है। इस बात का भी ध्यान रखें कि ज्यादा ऊंचाई वाले पहाड़ पर न जाएं, जहां लैंड स्लाइडिंग की आशंका हो। नदी, झील या तालाब में बोटिंग करते समय सावधानी निर्देशों का पालन जरूर करें।



 

यहां क्लिक करें : हर पल अपडेट रहने के लिए डाउनलोड करें, समाचार जगत मोबाइल एप। हिन्दी चटपटी एवं रोचक खबरों से जुड़े और अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें!

loading...
रिलेटेड न्यूज़
ताज़ा खबर

Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.