कार का सफर किसी एक हद तक उसमें लगे टायरों पर निर्भर करता है। लेकिन यहीं कार का टायर तब मुसिबत बन जाता है जब यह बीच रास्ते में आपका साथ छोड़ देता है। लेकिन अब ऐसी तकनिक आ गई है जो आपको यह बतानें में माहिर होगी कि कार को कब टायर की जरुरत है साथ ही इसे लंबी दूरी पर ले जाया सकता है या नहीं।
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जी हां इस तकनीक का अविष्कार किया है टायर निर्माता कंपनी नोकियन नें। कंपनी नें एक ऐसी लेजर तकनिक को बनाया है जो टायरो को चैक करके इस बात की जानकारी दे सकती है, कि टायर कहां पंचर हो सकता है। इसके लिए कैमरे की मदद भी ली जा सकती है। कंपनी नें अपनी इस तकनीक का नाम दिया है स्नैपक्कैन।
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आपको बता दें कि विश्व में केवल नोकियन के पास ही विंटर टायर टेस्टिंग की सुविधा मौजूद है। फिलहाल ये तकनीक फिनलैंड में ही शुरु की जाएगी धीरे धीरे इसे बाकी अन्य देशों में भी लागू कर दिया जाएगा।
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