नई दिल्ली। उद्योग एवं वाणिज्य संगठन एसोचैम और ऑडिट एवं सलाह सेवाएं देने वाली कंपनी पीडब्ल्यू सी के संयुक्त अध्ययन प्रोटेक्टिंग इंटरकनेक्टेड सिस्टम्स 'इन द साइबर एरा' के अनुसार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 के अंतर्गत दर्ज मामलों में वर्ष 2011 से 2014 के बीच 350 प्रतिशत से अधिक बढ़ोतरी हुई है।
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इंडियन कम्प्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) ने भी ऐसे मामलों में वृद्धि की बात स्वीकार करते हुए कहा कि वर्ष 2015 के दौरान उसके द्वारा देखे गए मामलों में करीब 50 हजार की बढ़ोतरी हुई है। अध्ययन के अनुसार परिचालित तंत्र खासकर कमजोर प्रोटोकॉल वाले तंत्र इन खतरों के चपेट में अधिक आए हैं। इसमें कहा गया, विश्व में साइबर हमले अब अधिक होने लगे हैं तथा इनकी आवृत्ति भी अब बढ़ रही है। न सिर्फ व्यक्तिगत निशाना बढ़ा है बल्कि व्यवसाय और सरकारों को भी निशाना बनाया जा रहा है। साइबर हमलों का तरीका और उद्देश्य तेजी से बदल रहा है।
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सूचना और परिचालन प्रौद्योगिकी तथा उपभोक्ता प्रौद्योगिकी के बढ़ते इस्तेमाल के कारण साइबर अपराधों का प्रभाव बढ़ा है। साइबर अपराधी परमाणु संयंत्रों, रेलवे, परिवहन, अस्पताल आदि जैसे महत्वपूर्ण तंत्रों को नियंत्रित कर सकते हैं और पावर कट, जल प्रदूषण, बाढ़, परिवहन में अवरोध आदि जैसी समस्याएँ उत्पन्न कर सकते हैं। अध्ययन के अनुसार सिर्फ अमेरिका में इन तीन साल के दौरान साइबर हमलों में करीब 50 प्रतिशत वृद्धि हुई है।- एजेंसी