नई दिल्ली। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डमैन ने आज कहा कि बेहतर मानसून, सरकारी वेतनमान में वृद्धि, प्रमुख सुधारों और विदेशी निवेश प्रवाह के चलते मौजदूा वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। गोल्डमैन का कहना है कि जीडीपी वृद्धि में क्रमिक सुधार की संभावना है और अप्रैल-जून तिमाही में यह मामूली घटकर 7.8 प्रतिशत रह सकती है। इससे पिछली तिमाही में यह 7.9 प्रतिशत रही थी।
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फर्म ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है, वित्त वर्ष 2016-17 में हमारा अनुमान है कि वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर 7.9 प्रतिशत रहेगी जो कि 7.5 प्रतिशत की आम अपेक्षा से उंची है। यह वित्त वर्ष 2015-16 की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत की तुलना में भी अधिक है।
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इसके अनुसार बेहतर मानसून, केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों को नए वेतन आयोग के कार्यान्वयन, अनुकूल राजकोषीय मौद्रिक नीति, हाल ही में पारित प्रमुख सुधारों तथा सतत विदेशी निवेश अंतरप्रवाह से वृद्धि को बल मिलेगा। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार भारत की वृद्धि दर को प्रमुख जोखिमों में अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर में बढोतरी, चीन की वृद्धि को लेकर चिंताएं तथा पूंजी प्रवाह की आशंका शामिल है।