नई दिल्ली। अब कर्मचारी निजी जरुरतों के लिए पीएफ खातों से पैसा आसानी से निकाल सकेंगे। केंद्रीय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पीएफ से पैसा निकालने के नियमों में बदलाव करते हुए उन्हें आसान बना दिया है। पीएफ से निजी जरुरतों के लिए निकाली जाने वाली रकम वापस लौटाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। श्रम मंत्रालय ने पीएफ एक्ट के क्लॉज 68J, 69N में बदलाव करते हुए कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। अब कर्मचारी बच्चों की पढ़ाई, इलाज, शादी-ब्याह जैसी जरुरतों के लिए पीएफ खातों से पैसा निकाल सकते हैं। पीएफ खातों से पैसा निकालने के लिए आवेदक कर्मचारी को सिर्फ एक फार्म भरकर स्व घोषित घोषणा पत्र देना होगा।
केंद्रीय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के चार करोड़ एकाउंट होल्डर को यह लाभ मिलेगा। पहले मेडिकल खर्चा लेने के लिए डॉक्टर का मेडिकल सर्टिफिकेड देना पड़ता था, या फिर इलाज के लिए कम से कम अस्पताल में एक महीने तक रहने का रिकॉर्ड दिखाना पड़ता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। इसके अलावा ईपीएफओ ने बड़ी राहत यह भी दी है कि पैसा निकालने के लिए पहले मेडिकल सर्टिफिकेड जमा कराने की अनिवार्यता को भी खत्म कर दिया है। किसी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए तीन महीने तक की सैलेरी एडवांस में निकाली जा सकती है। जबकि शादी ब्याह के लिए सैलेरी भी एडवांस में ली जा सकती है।
जमीन, जायदाद खरीदने के लिए भी 90 प्रतिशत सैलरी एडवांस में ली जा सकती है। बच्चों की शिक्षा या पढ़ाई से सबंधित खर्चे को पूरा करने के लिए पार्शियल प्रोवीडेंट फंड भी निकाला जा सकेगा। इन सब राहतों के बीच सबसे बड़ी राहत यह है कि यह पैसा वापस करने की जरुरत नहीं है। श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले ईपीएफओ ने क्लॉज 68J, 69N के तहत यह राहत भरे नियम लागू किए हैं।