अक्सर आप सुनते-पढ़ते आए होंगे कि पानी अधिक पीने से आप हमेशा सेहतमंद रह सकते हैं। इससे शरीर के तमाम विकार दूर होते हैं। पाचन क्रिया सही रहती है। माइंड फ्रैश रहता है, और भी न जाने क्या-क्या। लेकिन हाल ही में इसके विपरीत एक रिसर्च आई है जिसके बारे में सुनकर आप चौंक जाएंगे। क्योंकि ये रिसर्च पानी को लेकर अब तक की तमाम धारणाओं को तोड़ने वाली है। क्योंकि पानी पीने के अब तक सिर्फ फायदे ही गिनाये गये हैं।
‘अधिक से अधिक पानी पीने से शरीर स्वस्थ रहता है’ की धारणा को आंख मूंदकर फौलो करने वाले लोगों के लिए ये धारणा उनकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। क्योंकि शोधकर्ताओं के मुताबिक अधिक पानी पीने से ‘वाटर इनटॉक्सिकेशन’ का खतरा हो सकता है।
ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया है कि ज्यादा पानी पीने से मानव शरीर में तरल पदार्थो का नियंत्रण का काम करने वाला सिस्टम काम करना बंद कर सकता है।
इस शोध के नतीजों के मुताबिक, शरीर में जल की अधिकता से वाटर इनटॉक्सिकेशन या हाइपोनेट्रेमिया हो सकता है। इस स्थिति में खून में सोडियम की मात्रा कम हो जाती है।
ऐसी स्थिति में व्यक्ति अत्यधिक थकावट, जी मिचलाना से लेकर बेहोशी और कोमा का शिकार भी हो सकता है।अध्ययन में खुलासा हुआ कि ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थो के सेवन से दिमाग ‘स्वालोइंग इनहिबिशन’ को सक्रिय करता है।
मोनाश यूनिवर्सिटी के सहायक प्रोफेसर माइकल फेरेल ने बताया कि, “जब तक हम शरीर की जरूरतें पूरी करते हैं, तब तक सब ठीक है। लकिन अधिकता करने पर सिस्टम गड़बड़ा जाता है। इसलिए पानी पियें लेकिन केवल प्यास लगे उतना ही।” जल को जीवन ही बने रहने दें, उसे अपनी मौत का कारण न बनने दें।