इन्टरनेट डेस्क। रोजमर्रा की ज़िन्दगी में अगर कुछ पल शांति के ना मिले तो जाहिर सी बात हैं शारीरिक तनाव के साथ मानसिक तनाव भी होना शुरू हो जाता हैं। कई लोगों को पारिवारिक सम्बन्ध से भी मानसिक तनाव रहता जिसके चलते उसका मन किसी अन्य कामो में नहीं लग पता हैं।
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हालही Nimhans के द्वारा तैयार की गई नेशनल मेंटल हेल्थ सर्वे रिपोर्ट के परिणामों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने मंगलवार को जारी किया। रिपोर्ट पता चला है कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों में से केवल एक चौथाई को औपचारिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता से उपचार कराने की जरूरत है।
मानसिक रूप से बीमार अधिकांश रोगी 30-49 आयु वर्ग और 60 साल से ऊपर के लोग हैं। रिपोर्ट के जरिये पता चला हैं की मानसिक बीमारियों के मामलों शहरी क्षेत्रों में अधिक हैं। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में तनाव से संबंधित विकार अधिक है। जिससे वह किसी भी प्रकार के कदम उठाने को तैयार हो जाती हैं। महिलाओं को कई प्रकार के तनाव रहते हैं जिसके चलते वो बहुत बार खुदखुशी कर लेती हैं और इसी प्रकार महिलाओं का जो ग्राफ हैं वो घटता जा रहा हैं।
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कई दफा तो महिलाओ और बच्चियों पर जो दुष्कर्म हो रहे है उसकी वजह से वह मानसिक संतुलन खो बैठती हैं और इस तरह के कदम उठाने पर मजबूर हो जाती हैं। अगर आप भी इससे पीड़ित हैं तो चिकित्सको की मदद से आप इलाज़ करवा सकते हैं।
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