क्या आप भी ऑफिस में ओवर टाइम करने को सक्सेस की चाबी मानते हैं? क्यान छोटी-छोटी बातों पर आपका पारा सातवें आसमान पर पहुंच जाता है? क्या आप बहुत ज्यादा फिजिकल एक्टिविटी करते हैं? या फिर आप बहुत ज्यादा इमोशनली टेंस्ड रहते हैं? अगर आपके इनमें से किसी भी या सभी सवालों के जवाब हां हैं तो संभल जाइए, क्योंकि ये लक्षण आपके लिए जानलेवा साबित हो सकते हैं। कैसे? आईये जानते हैं।
बहुत ज्यादा गुस्सा करना, इमोशनल स्ट्रेस लेना या बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम करने से भी आपको हार्ट अटैक हो सकता है। बेशक, आपको पढ़कर अटपटा लगे या आप एकदम से चिंतित हो जाएं लेकिन ये सच है। और ये हम नहीं कह रहे बल्कि हाल ही में हुई एक रिसर्च साबित करती है।
एक बहुत बड़े पैमाने पर की गई इस इंटरनेशनल रिसर्च के बाद शोधकर्ताओं ने ये चेतावनी दी है कि क्रोध या इमोशनल रूप से परेशान होने और इसके एक घंटे के अंदर हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई देने के बीच डायरेक्ट कनैक्शन है। रिसर्च में यह पाया गया कि ऐसे मामलों में हार्ट अटैक का खतरा दो गुना तक बढ़ गया था।
अमेरिकी हार्ट एसोसिएशन की मैग्ज़ीन ‘सर्कुलेशन’ में छपे इस अध्ययन के अनुसार, इसी तरह के संबंध पहले हार्ट अटैक से एक घंटे पहले किए गए हैवी फिजिकल वर्क से भी पाए गए हैं।उन मरीजों में हृदयाघात का खतरा तीन गुना बढ़ जाता है जो हमेशा नाराज़ रहते हैं या इमेाशनल रूप से परेशान होने के साथ-साथ हैवी फिजिकल वर्क करते हैं।स्मिथ ने कहा, “यह पहला अध्ययन है जो दुनियाभर के कई जगहों को एक साथ रीप्रजेंट करता है।”
शोधर्ताओं ने कहा कि बहुत ज्यादा इमोशनल स्ट्रेस और अधिक मेहनत से ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है जिससे हार्टबीट भी बढ़ सकती है। इससे धमनियों में खून के दौरे में बदलाव होने लगता है और हार्ट में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाता है। यही हार्ट अटैक का खतरा बढ़ने की वजह भी होता है।
उन्होंने कहा कि रोजाना वर्कआउट से सेहत को कई फायदे होते हैं जिसमें हार्ट संबंधी समस्याओं पर भी रोक लगती है। इसलिए वर्कआउट करते रहना चाहिए, लेकिन अगर कोई नाराज है या परेशान है और इनसे बचने के लिए एक्सरसाइज़ करना चाहता है तो उसके लिए सुझाव यही है कि व्यायाम को अधिक खींचा ना जाए, इसे सामान्य रखा जाए।