हममें से कई सारे लोग अपना सारा दिन पीसी के सामने बिता देते होंगे, जिससे हमारी आंखों पर काफी जोर पड़ता है। इससे कुछ समय बाद, दीर्घकालिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। जानिए पीसी पर ज्यादा काम करने से हमारी आंखों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
कम्प्यूटर चलाने वाले लोगों की आंखों पर काफी ज्यादा तनाव पड़ता है। लगभग 8 प्रतिशत कम्प्यूटर इस्तेमालकर्ताओं को हर दिन आंखों के दर्द और स्ट्रेन को झेलना पड़ता है।
आंखों पर पडऩे वाले इस तनाव को मेडीकल भाषा में एस्थेनोपिया कहा जाता है जो कि असहज और परेशान कर देने वाला होता है। अध्ययन से यह स्पष्ट हो चुका है कि शुरूआत में, आपकी इसके बारे में ज्यादा पता नहीं चलेगा लेकिन धीरे-धीरे इससे आपको काफी दिक्कतें होने लगेगी।
समस्याएं और परेशानियां तब अपनी आदत एकदम से चिपके रहने की न बनाएं। अपनी आंखों को मोशन करने दें। आसपास भी आंखों को घुमाएं और थोड़ देर के लिए बंद कर लें। इससे आंखों पर पडऩे वाला दबाव कम हो जाएगा। आंखों पर पडऩे वाले तनाव का सीधा प्रभाव आंखों की रोशनी पर पड़ता है, जिसकी वजह से व्यक्ति की ऊ$र्जा और उसकी परफॉर्मेंस पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
कई बार इसकी वजह से आंखों में समस्या भी हो जाती है।
इसके लिए आपको हमेशा सतर्क और आंखों का ख्याल रखने की आदत होनी चाहिए। ज्यादा लम्बे समय तक पीसी या किसी अन्य स्क्रीन के सामने न बैठे, वरना आंखों में लालामी, खुजली, कमर में दर्द, गर्दन में दर्द, धुंधला दिखना जैसी कई अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो जाएगी।
इसके अलावा,ध्यान दें कि आप जिस जगह पर पीसी आदि पर काम कर रहे हों, वहां रोशनी पर्याप्त हो। अंधेरे में काम न करें, इससे आंखों पर ज्यादा तनाव पड़ता है और उनकी रोशनी घटने लग सकती है। हमेशा सही रोशनी के नीचे ही काम करें।
अगर व्यक्ति स्वयं से अपनी आंखों की देखभाल करेगा तो उसे आगे चलकर कभी कोई गंभीर समस्या नहीं होगी। आंखों को दिन में दो से चार बार ठंडे पानी से धुलते रहें और उन्हें हल्की मसाज दें। प्रदूषण से बचाने के लिए काला चश्मा पहनें। पीसी आदि का इस्तेमाल करने के दौरान भी इनके लिए बनाएं जाने वाले विशेष चश्मों को पहनें। इससे आपकी आंखें हमेशा अच्छी बनी रहेगी।