भोपाल। मध्य प्रदेश के पेंच बाघ अभयारण्य पीटीआर में 2008 से रेकॉर्ड 22 शावकों को जन्म दे चुकी 11 वर्ष की रॉयल बंगाल टाइग्रेस इन दिनों सभी के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है और बड़ी तादाद में पर्यटक इस बाघिन की झलक पाने के लिए आ रहे हैं।
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वन विशेषज्ञों ने बताया कि इस बाघिन की लोकप्रियता भी भारत की सर्वाधिक लोकप्रिय रही राजस्थान की बाघिन ‘मछली’ के ही समान है। गत सप्ताह ही ‘मछली’ की मौत हो गई थी। पेंच बाघ अभयारण्य पीटीआर के क्षेत्र निदेशक शुभरंजन सेन ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कॉलर वाली’ सिर्फ एक कॉलर युक्त बाघिन के नाम से मशहूर रॉयल बंगाल टाइग्रेस टी-15 ने 2008 से 6 बार गर्भवती होने के बाद कुल 22 शावकों को जन्म दिया है।
मैंने अब तक कहीं भी किसी ऐसी बाघिन के बारे में नहीं सुना है जिसने 22 शावकों को जन्म दिया हो। उन्होंने बताया कि इस बाघिन ने 2011 में 5 शावकों को जन्म दिया था और उनका पालन पोषण भी किया था।
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एक अन्य अधिकारी ने बताया कि टी-15 को ‘कॉलर वाली’ के तौर पर इसलिए भी जाना जाता है क्योंकि पीटीआर में वे ऐसी पहली बाघिन है जिसकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए उसे रेडियो कॉलर लगाया गया। हालांकि, इस वक्त टी-15 बाघिन का रेडियो कॉलर निष्क्रिय है।