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भारत में सोने को केवल निवेश का साधन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर के रूप में भी देखा जाता है। शादी-ब्याह के मौकों पर इसे आभूषण के रूप में पहना जाता है और भविष्य में आर्थिक संकट से निपटने के लिए सुरक्षित रखा जाता है। इसलिए भारत अपनी जरूरत का लगभग 80% सोना आयात करता है। इसे 'बुरे वक्त का साथी' भी कहा जाता है क्योंकि मुश्किल समय में इसे बेचकर या गिरवी रखकर आर्थिक समस्याओं का समाधान किया जा सकता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में सोना रखने की भी एक कानूनी सीमा होती है? भारत सरकार के आयकर विभाग के अनुसार, विवाहित महिलाएं 500 ग्राम, अविवाहित महिलाएं 250 ग्राम और पुरुष 100 ग्राम तक का सोना बिना किसी पूछताछ के रख सकते हैं। इससे अधिक सोना रखने पर उसके वैध स्रोतों का प्रमाण प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। अगर प्रमाण नहीं दे पाते, तो आयकर विभाग सोना जब्त कर सकता है और जुर्माना भी लगा सकता है।
इसलिए अगर आपके पास बड़ी मात्रा में सोना है, तो उसकी रसीदें और प्रमाण सुरक्षित रखें। इससे न केवल आप कानूनी मुश्किलों से बच सकते हैं, बल्कि आपके निवेश भी सुरक्षित रहते हैं।