बेंगलुरु। मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 रूपए के नोट बंद करने के बाद पुरा देश बैंकों में लाइन में लगा हुआ है। कोई सरकार का समर्थन कर रहा है तो कोई नहीं। माना जा रहा है कि नोटबंदी के फैसले से ऑनलाइट रिटेल और ई-पेमेंट कंपनियों को लाभ मिलेगा। इसके उलट फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर सचिन बंसल सरकार के फैसले से नाखुश हैं।
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सरकार की ओर से किए गए नोटबंदी के फैसले को सचिन बंसल अनियंत्रित मानते हैं। देश की सबसे बड़े ऑनलाइन मार्केटप्लेस के को-फाउंडर ने कहा, 'सबसे बड़ी समस्या सरकार की प्रतिक्रिया है। इसे कुछ लोग अनियंत्रित या मनमाना फैसला भी कह रहे हैं। नोटबंदी के बाद जैसे हालात हैं, उन्हें कुछ कदम उठाकर थामा जा सकता था। जैसे बड़े पैमाने पर कैश छापकर रखना, एटीएम मशीनों को पहले से ही रीकैलिब्रेट करके ऐसी स्थिति से बचा सकता था।'
ग्लोबल मोबाइल इंटरनेट कॉन्फ्रेंस के दौरान पैनल डिस्कशन में बंसल ने कहा, 'मैं इस मामले में अधिक रिसर्च करता और इसके अलावा एक्सपर्ट पैनल की राय भी लेता।' केंद्र की मोदी सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद करने का फैसला लिया था। इसके चलते देशभर में नोट बदलवाने, जमा करने और एटीएम से नकद निकासी को लेकर भारी भीड़ उमड़ रही है।
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इसके अलावा कैश की कमी के चलते इकॉनमिक ग्रोथ पर भी विपरीत असर पडऩे की उम्मीद जताई जा रही है। खासतौर पर कैश ट्रांजैक्शंस पर निर्भर रहने वाली इंडस्ट्री को इससे बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि लॉन्ग टर्म में इसके खासे फायदे होंगे और भारत एक कैशलेस इकॉनमी में तब्दील होने की दिशा में आगे बढ़ सकेगा। बुधवार और गुरुवार को हुई इस ग्लोबल मोबाइल इंटरनेट कॉन्फ्रेंस में इस बात पर चर्चा हुई कि किस तरह से भारतीय बिजनस को डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म पर लाया जा सकता है।
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