नई दिल्ली। राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (एनएमएल), जमशेदपुर के वैज्ञानिकों ने नैनो तकनीक का इस्तेमाल करते हुये एक ऐसा पदार्थ तैयार किया है जिससे लोहे पर लगा जंग और एल्युमीनियम, पीतल तथा काँसे पर से काले दाग पांच मिनट में ही निकल जायेंगे। साथ ही उन्होंने ऐसा पारदर्शी पेंट भी तैयार किया है जो भविष्य में उनमें जंग नहीं लगने देगा।
इन जंगरोधी उत्पादों को यहां प्रगति मैदान में चल रहे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में प्रदर्शन के लिए रखा गया है। इनकी तकनीक झारखंड के जमशेदपुर स्थित एक कंपनी को हस्तांतरित की गयी है तथा एक से डेढ़ महीने में इन उत्पादों के बाजार में आने की उम्मीद है।
एनएमएल के वैज्ञानिक डॉ. आर.के. साहू ने‘यूनीवार्ता’को बताया कि कंपनी‘रब्ज क्लीन’नाम से यह जेल बाजार में ला रही है। इसे जंग लगे सामान पर लगाकर पांच मिनट छोड़ देना होता है। उसके बाद किसी कपड़े से पोछने पर जंग बिल्कुल साफ हो जाता है। आम तौर पर काँसे या पीतल के बर्तन पर काले दाग पड़ जाते हैं जिन्हें हटाने के लिए बाजार में उपलब्ध मौजूदा रसायन लगाने के बाद उसे काफी देर तक रगडऩा पड़ता है। जेल की खास बात यह है कि इसे तैयार करने में किसी हानिकारक पदार्थ का उपयोग नहीं किया गया है। इसे नैनो तकनीक से प्राकृतिक पदार्थों और मेटल ऑक्साइड से तैयार किया गया है।
जंग हटाने के बाद भविष्य में भी इन्हें सुरक्षित बनाने के लिए ग्रेफाइन पेंट तैयार किया गया है। इसके पारदर्शी होने के कारण पीतल, काँसे या एल्यूमीनियम के सामान अपने वास्तविक रंग में ही रहते हैं। साथ ही एक बार इसकी परत चढ़ा देने पर आम तौर पर 10 साल तक यह सामान को जंग से बचाता है। यदि सामान घर के अंदर रखा गया है तो और ज्यादा समय तक सुरक्षित रह सकता है।
डॉ. साहू ने बताया कि आम तौर पर लोहे की छड़ें तथा अन्य सामान जंग लगने के बाद फेंक दिये जाते हैं। लेकिन, उस पर इस जेल का इस्तेमाल कर उसे दुबारा काम लायक बनाया जा सकता है। साथ ही ग्रेफाइन पेंट से उसे भविष्य में जंग लगने से भी बचाया जा सकेगा।
मेले में कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी तथा सेना के अधिकारियों ने भी इन उत्पादों में रुचि दिखायी है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार ग्रेफाइन पेंट विकसित किया गया है। इसकी कीमत लगभग 800 रुपये प्रति लीटर होगी। इसके अलावा एक कम गुणवत्ता वाला पेंट रब्ज प्रोटेक्ट भी विकसित किया गया है जो पाँच से छह साल तक सामान को सुरक्षित रखता है। इसकी कीमत 400 रुपये प्रति लीटर के आसपास होगी।
इन उत्पादों की प्रौद्योगिकी खरीदने वाली कंपनी तेयासी इनोवेशंस के सहप्रवर्तक गौरव मारवाह ने बताया कि इनके उत्पादन के लिए लाइन तैयार कर ली गयी है और संभावित बाजार का भी अध्ययन किया जा रहा है। -एजेंसी