नई दिल्ली। देश भर में 01 जुलाई से लागू होने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) हीरे, सोने तथा अन्य कीमती धातुओं पर विशेष दरें लागू होंगी जिन पर फैसला बाद में किया जाएगा।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने आज यहां जीएसटी पर संवाददाताओं के लिए आयोजित एक कार्यशाला में कहा कि हीरे, सोने तथा कीमती आभूषणों के लिए इस्तेमाल होने वाली अन्य धातुओं पर कर की दर जीएसटी के चार स्लैबों से अलग होंगी। उन्होंने बताया कि यह दर- दो प्रतिशत, चार प्रतिशत या छह प्रतिशत - कुछ भी हो सकती है जिसके बारे में फैसला बाद में किया जाएगा।
जीएसटी में कर के चार स्लैब तय किए गए हैं। पहला स्लैब पांच प्रतिशत , दूसरा 12 प्रतिशत, तीसरा 18 प्रतिशत और चौथा 28 प्रतिशत का है।
अधिया ने कहा कि हीरे और सोने पर कर विशेष दर तय की जाएगी। जीएसटी के प्रावधानों के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें सिर्फ पांच पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है। इसमें कच्चा तेल, पेट्रोल, डीजल, विमान ईंधन और प्राकृतिक गैस शामिल हैं। हालांकि, इन्हें जीएसटी के दायरे में शामिल करने के बारे में हर वर्ष समीक्षा की जाएगी। इन उत्पादों से राज्य सरकारों को होने वाली भारी आमदनी और संभावित बड़े नुकसान की आशंका के मद्देनजर इन्हें फिलहाल जीएसटी से बाहर रखा गया है।
शराब पर तथा स्थानीय निकायों द्वारा वसूले जाने वाले मनोरंजन कर को पूरी तरह से जीएसटी से बाहर रखा गया है जबकि तंबाकू के लिए विशेष प्रावधान करते हुए इसे जीएसटी में रखने के बावजूद केंद्र सरकार को इस पर भारी उपकर लगाने की अनुमति दी गई है। राजस्व सचिव ने बताया कि पहले पांच साल तक यह उपकर साझा झोली में जाएगा जिससे राज्यों को होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई की जाएगी।