लंदन। दुनियाभर की सरकारें और कंपनियां इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) परियोजनाओं पर काम कर रही हैं लेकिन उनमें से करीब तीन चौथाई विफल हो रही हैं। अमेरिकी की तकनीकी दिग्गज कंपनी सिस्को ने अपनी एक रपट में यह बात रखते हुए कहा कि इसे प्रभावित करने वाले कई कारक हैं जैसे कि संस्कृति और नेतृत्व।
रपट के अनुसार, सर्वेक्षण में शामिल कंपनियों में से केवल 26 प्रतिशत ने माना कि उनकी आईओटी परियोजनाएं पूर्णतया सफल रही हैं। करीब 60 प्रतिशत आईओटी परियोजनाएं प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट के स्तर पर ही अटक गईं।
आईओटी एक ऐसी प्रणाली है जिसमें उपकरणों और सेंसरों को इंटरनेट से जोड़ दिया जाता है और इससे संगृहीत होने वाले आंकड़ों से कारोबारी और परिचालनात्मक निर्णय लेने में मदद मिलती है। उदाहरण के लिए आईओटी से जुड़ी स्ट्रीट लाइटें स्वयं बंद हो जाती हैं जब वह सडक़ पर कम यातायात को महसूस करती हैं या दिन निकल आता है। इससे बिजली बचाने में मदद मिलती है।