City News : तिहरे हत्याकांड का शर्मनाक राज बेटी बोली, पिता रखता था उस पर गलत नजर

Samachar Jagat | Tuesday, 28 Feb 2023 05:09:06 PM
City News : The daughter told the shameful secret of the triple murder case, the father used to keep a wrong eye on her

समाचार जगत पोर्टल डेस्क। एक लालची किस्म की औरत ने अपने ही घर के तीन सदस्यों की निर्मम हत्या करदी। मर्डर के बाद भी उसे अपने कर्म पर कोई अफसोस नहीं हुवा । पुलिस की पूछताछ में वह बोली कि उसकी बारह साल की बेटी की पर उसके पति की बुरी नजर थी। कई बार उसकी अस्मत लूटने की कौशीश की थी। वह क्या करती। पुलिस पर उसे भरोसा था नहीं। इसी मारे उसे इन दुष्ट लोगों की जान लेनी पड़ी।

यह सत्य कथा सहबाजंग की है। आरोपी महिला नीलम के जो बयान दर्ज हुवे है, उसने खुद ही पुलिस को इस हत्या कांड की सूचना दी थी। मगर उसकी चालाकी उसके काम नहीं आई। बयान में इस शैतान औरत की कहानी बडी ही नाटकीय थी। अपने फोन पर रोने का नाटक करते हुवे वह बोली की घटना के समय वह जब अपने घर में ही रात के समय सो रही थीं तो किसी ने मेरे घर का बाहर वाला जोर जोर से बजाना शुरू किया। मैने पूछा भी था कौन हो तुम....। दरवाजा तोड़ोगे क्या.....?.मगर  वे चुप रहे। तभी गेट के भीतर वाली कुंडी टूट गई। गेट तोड़ने के बाद मुझे दो नकाब पोस बदमाश नजर आए। बिना कोई कुछ बताए हम पर हमला कर दिया। लात घुसे से धुनते रहे। मैं बचाव और मदद के लिए पुकारती रही।

मगर कोई भी बचाव के लिए नहीं आया। यहां पुलिस ने पैनी जांच की और नीलम से पूछा ,घर पर कितना मॉल रखती हो। लुटेरों ने आलमारी की चाबी तो मांगी थी। नीलम के पास इसका जवाब नहीं था। दूसरी बात यह भी गौर करने वाली थी की नीलम के घर के आसपास के पड़ोसियों में किसी ने भी नीलम के रोने पुकारने की आवाज नहीं सुनी। नीलम का में छोटा ही था। दो कमरे थे जिनमें एक में नीलम अपने पति के साथ सोया करती थी। पुलिस की इन्वेस्टीगेशन टीम ने कई लोगों के पास जाकर पूछताछ की। खासकर पनवाड़ी.....! वह बोला वह रात बारह बजे तक अपनी दुकान पर ही बैठा था।

मैने ना तो किसी संदिग्ध को आस पास, कहीं नहीं देखा ।  अवधेश का मकान उसकी दुकान से कोई पचास कदम दूर था। दुकान के काउंटर से बैठे व्यक्ति को अवधेश  के घर का पिछवाड़ा दिखाई देता है। वारदात इसी गेट की ओर से की गई थी। गौर तलब रहे कि पान गुटखे की इस दुकान पर हर वक्त कोई ना कोई मौजूद रहता है। वारदात के समय चार लोग वहां मौजूद थे। जिनमें गपशप चल रही  थी। कहीं कुछ भी होता तो हमें इसकी जानकारी जरूर होती।

सूचना पाकर पुलिस मौके पर गई थी। वारदात में घायल  अवधेश और उसके दोनो बच्चों को हॉस्पिटल पहुंचाया। नीलम की स्टोरी पुलिस को संदिग्ध लगी। फिर नीलम की सास के बयान बहुत मायने रखते थे। उसका आरोप था की उसकी बहु नीलम अच्छी औरत नहीं है। वह लालची है। उसकी नजर पहले दिन से ही ससुराल  की पोपार्टी पर थी। इसी योजना के चलते कोई ना कोई झमेला करती रहती थी।  कई मर्दों से वह सबंध रखती है। यहां दूसरी बात यह भी सामने आई कि उसके पति अवधेश से उसकी नही बनती थी। उसकी पहली बीबी के गहने और पांच लाख रुपए देने की डिमांड  किया करती थी।

घर वाली की आदत से परेशान हो कर घर छोड़ कर कहीं चला गया था। तब उसने पुलिस में अवधेश की गुमसुदी की रिपोर्ट लिखवाई थी। लेकिन एक सप्ताह के बाद वह खुद ही घर पर लोट आया था। पुलिस का कहना था की अवधेश के घर के भीतर जब वे गए तो उन्हें तीन लाशें पड़ी मिली थी। यहां सस्पेंस इस बात का था की,किसी घर में एक साथ तीन मर्डर हो जाए और पास पड़ोसियों को इसकी भनक ना लगी हो। ऐसा संभव ही नहीं है। जो लाशें बरामद हुई उनमें एक नीलम के पति की थी। दो बच्चों को उपचार के लिए  हॉस्पिटल लेजाया गया था। मगर कुछ समय बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया। यहां पुलिस का कहना है कि सहबागंज के वार्ड पांच का निवासी अवधेश गुप्ता उम्र पैतीस साल, गांव में चाय का ठेला लगाया करता था।

उसकी पहली बीबी रेनू की कैंसर से मौत हो गई थी। वर्ष २०२० में संत कबीर नगर के धनघटा के गांव मझगावा निवासी नीलम से दूसरी शादी की थी। नीलम के पहले पति की कैपियारगंज के निकट सड़क दुर्घटना में  नीलम के पति की मौत हो गई थी। शादी के बाद से ही अवधेश और उसकी पत्नी के बीच और पनी बारह साल की बेटी के साथ अवधेश के घर रहने लगी। कुछ समय बाद से ही विवाद रहने लगा।  वारदात के दिन रात दो बजे  नीलम ने पुलिस को फोन किया था। तब उसने बताया कि उसके घर में बदमाश घुस गए थे। पति और दो बेटों आर्यन और आरव जो दोनों नाबालिक थे,उनको मार डाला। पुलिस को जब वारदात का पता चला तो मौके पर अवधेश और दोनों बच्चों की सांस चल रही थी। मगर हॉस्पिटल में उपचार के दौरान बिना कोई बयान दिए दम तोड़ दिया।

पडोसियों ने पुलिस को बताया की नीलम झगड़ालू औरत है। पुलिस की पूछताछ पर शुरू में सहयोग नहीं किया था।मगर बेटी से पुलिस ने अलग अलग पूछताछ की तो बेटी ने सच उगला। वह बोली कि मां ने ही इन तीनों की हत्या की है। आमना सामना करवाने पर नीलम टूट गई। उसका कहना था की अवधेश बेटी पर गलत नजर रखता था। वारदात के समय उसने जम कर शराब पी थी। वह जब बेहोशी की हालत में था तो नीलम ने अपने पति को चकुओ से गोद कर मार डाला। बच्चों को इस लिए मारा कि वे जाग गए थे। और नीलम को यह कांड करते देख लिया था। 

इस कांड को लेकर विशेषज्ञ कहते है कि सामाजिक सुरक्षा की भावना जब इंसान के अंदर घर कर लेती है तो अक्सर व्यक्ति अपनी समस्या लोगों से कहना बंद कर देता है। ऐसे में व्यक्ति विकृत हो जाता है और बड़े से बड़ा अपराध करने से नहीं चूकता। इस प्रकार की घटनाएं पारिवारिक विगघटन का परिणाम हुवा करती है। जान जागृत के जरिए से इसे रोका जा सकता है।



 


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