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जयपुर – राजस्थान की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत के एक बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। गहलोत ने दावा किया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को हटाने की साजिश रची जा रही है। यह बयान उन्होंने आपातकाल की 50वीं बरसी पर जोधपुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान दिया।
इस बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने गहलोत पर करारा प्रहार किया है और पूरे राज्य में इस मुद्दे पर सियासी घमासान तेज हो गया है।
BJP का पलटवार: गहलोत को याद आ रहे हैं अपने कार्यकाल के साए
BJP नेता राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि अशोक गहलोत का बयान तथ्यों से परे, निराधार और भ्रामक है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि गहलोत को शायद अपने ही कार्यकाल की याद सता रही है, जब उनकी सरकार एक साल भी नहीं टिक पाई थी और दो गुटों में बंट गई थी। उस वक्त उनके विधायक और मंत्री 34 दिनों तक फाइव स्टार होटल में ‘कैद’ रहे थे।
उन्होंने आगे कहा कि, "गहलोत अपने सहयोगियों को 'निकम्मा' और 'नकारा' कहकर अपमानित कर चुके हैं। अब वे सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं।"
सुरेश रावत ने कांग्रेस पर साधा निशाना
राज्य के जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि उनके शासन में सिर्फ नूरा कुश्ती चलती रही। अशोक गहलोत और सचिन पायलट एक-दूसरे को हटाने की साजिशें रचते रहे। इस वजह से राजस्थान विकास से भटक गया।
उन्होंने कहा, “आज भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य में चौतरफा विकास हो रहा है। लेकिन कांग्रेस को यह हजम नहीं हो रहा। इसलिए वह भटकाव की राजनीति कर रही है।”
धनश्याम तिवाड़ी बोले- यह गहलोत की व्यक्तिगत पीड़ा है
राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने गहलोत के बयान को व्यक्तिगत दर्द का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत को अपने पूरे कार्यकाल में लगता रहा कि उनके खिलाफ साजिश हो रही है। अब वे वही मानसिकता मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर थोप रहे हैं।
BJP प्रवक्ता प्रेम शुक्ला का बयान
प्रेम शुक्ला, जो कि BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, ने कहा कि कांग्रेस पहले अपने घर की चिंता करे। उन्होंने कहा, “गहलोत और पायलट के बीच की लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। कांग्रेस के विधायक जिस तरह से 'फरार' हुए थे, पूरा देश जानता है। अब BJP पर आरोप लगाकर गहलोत राजनीतिक भ्रम फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।”
कालीचरण सराफ ने कहा- गहलोत का बयान हताशा का संकेत
पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ ने भी गहलोत के बयान को राजनीतिक खालीपन और हताशा की निशानी बताया। उन्होंने कहा कि भाजपा में पद और सम्मान कार्यक्षमता के आधार पर मिलते हैं, न कि गुटबाजी या चापलूसी से। कांग्रेस की संस्कृति रही है कि अपने ही नेताओं को अपमानित किया जाए।
क्या साजिश का दावा गहलोत की रणनीति है या सियासी दांव?
राजस्थान की राजनीति में यह बयानबाज़ी एक नई तकरार का संकेत है। गहलोत के बयान से जहां कांग्रेस ने भाजपा को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है, वहीं BJP ने इसे झूठ का पुलिंदा करार दिया है।
एक ओर कांग्रेस इसे 'लोकतंत्र पर हमला' मान रही है, वहीं भाजपा इसे 'राजनीतिक स्टंट' बता रही है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और सियासी तापमान बढ़ने के पूरे आसार हैं।