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इंटरनेट डेस्क। राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक तलाकशुदा बेटी को उसके माता-पिता दोनों की मृत्यु के बाद पारिवारिक पेंशन के लिए पात्र माना है। अदालत ने शिक्षा विभाग को बिना किसी देरी के याचिकाकर्ता को पेंशन वितरित करना शुरू करने का निर्देश दिया। बुधवार को अपलोड किया गया यह आदेश न्यायमूर्ति सुदेश बंसल द्वारा सुमन द्वारा दायर याचिका पर की गई सुनवाई के दौरान आया।
1987 में सेवा में रहते हुए था पिता का निधन
याचिका के अनुसार, सुमन के पिता अजमेर में एक स्कूल व्याख्याता के रूप में कार्यरत थे और अक्टूबर 1987 में सेवा में रहते हुए उनका निधन हो गया था। राज्य सरकार ने तब उनकी विधवा, सुमन की मां को पारिवारिक पेंशन प्रदान की थी। जनवरी 2017 में अपनी मां की मृत्यु के बाद, सुमन ने 2019 में शिक्षा विभाग से संपर्क किया और अपने नाम पर पारिवारिक पेंशन जारी रखने का अनुरोध किया। उसने विभाग को सूचित किया कि उसने नवंबर 1979 में कानूनी तलाक प्राप्त किया था।
महिला संगठनों ने की फैसले की तारीफ
इस संबंध में फैसला आने के बाद जयपुर की कई महिला संगठनों ने कोर्ट के इस फैसले की सराहना की है। इस संबंध में महिलाओं के का कहना है कि जब आज के समय में लड़का और लड़की में भेदभाव नहीं है तो फिर माता-पिता के संपत्ति पर भी लड़कियों को लड़कों की ही तरह पूरा हक दिया जाना चाहिए।
PC : Aajtak