नयी दिल्ली | महाराष्ट्र में सरकार बदलते ही मुंबई अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना ने गति पकड़ ली है और परियोजना के सी-1 पैकेज के तहत मुंबई में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लैक्स में बनने वाले भूमिगत रेलवे स्टेशन के निर्माण की निविदा जारी कर दी गयी है।
राष्ट्रीय हाईस्पीड रेल निगम लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) की प्रवक्ता सुषमा गौड़ ने आज यहां बताया कि द्बारा सी1 पैकेज के तहत मुंबई (महाराष्ट्र) में बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (बीकेसी) हाईस्पीड रेल स्टेशन के डिजाइन और निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित कीं गई। यह मुंबई अहमदाबाद हाईस्पीड रेल के 508 किलोमीटर के कॉरिडोर का एकमात्र भूमिगत स्टेशन होगा।
निविदा पैकेज में बीकेसी स्टेशन के अलावा 467 मीटर की कट और कवर लंबाई और 66 मीटर के वेंटिलेशन शाफ्ट भी शामिल हैं। इस शाफ्ट का उपयोग सुरंग बोरिग मशीन को बाहर निकालने के लिए भी किया जाएगा।प्रवक्ता ने कहा कि हाईस्पीड रेलवे स्टेशन में 6 प्लेटफॉर्म होंगे और प्रत्येक प्लेटफॉर्म की लंबाई लगभग 425 मीटर होगी जो 16 कोच वाली बुलेट ट्रेन को समायोजित करने के लिए पर्याप्त होगी। स्टेशन को मेट्रो और सड़क से जोड़ा जाएगा। प्लेटफॉर्म भूस्तर से करीब 24 मीटर की गहराई पर बनाया जाएगा। स्टेशन में प्लेटफॉर्म, कॉनकोर्स और सर्विस फ्लोर समेत तीन मंजिलें होंगी। दो प्रवेश/निकास द्बार बनाने की योजना है। एक द्बार मेट्रो लाइन 2 बीके नजदीकी मेट्रो स्टेशन तक पहुंच प्रदान करेगा और दूसरा द्बार की सुविधा के लिए और दूसरा एमटीएनएल भवन की ओर खुलेगा।
सुश्री गौड़ ने कहा कि स्टेशन की योजना इस तरह से बनाई गई है कि यात्रियों की आवाजाही और सुविधाओं के लिए कॉनकोर्स और प्लेटफॉर्म स्तर पर पर्याप्त जगह उपलब्ध हो। प्राकृतिक प्रकाश के लिए एक अलग रोशनदान का प्रावधान किया गया है। स्टेशनों पर यात्रियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं में - सुरक्षा प्रणाली, टिकटिग, प्रतीक्षा क्षेत्र, बिजनेस क्लास लाउंज, नर्सरी, विश्राम कक्ष, धूम्रपान कक्ष, सूचना कियोस्क और आकस्मिक राहत, सार्वजनिक सूचना और घोषणा प्रणाली, सीसीटीवी निगरानी आदि शामिल होगी। इसके अलावा, मेट्रो, बस, ऑटो और टैक्सियों जैसे परिवहन के अन्य साधन भी एकीकृत रूप से उपलब्ध होंगे।
सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र में शिन्दे सरकार ने बुलेट ट्रेन परियोजना के लंबित मुद्दों के तत्काल समाधान की प्रक्रिया तेज कर दी है। सबसे पहले बीकेसी रेलवे स्टेशन परियोजना में बाधाओं को सबसे पहले हटाकर स्वीकृति प्रदान की गयी। ठाणे में डिपो एवं स्टेशन के लिए भूमि पहले ही मिल चुकी है। मुंबई एवं ठाणे में वन एवं पर्यावरण स्वीकृति मिल चुकी है। अब केवल पालघर जिले में भूूमि का मसला बाकी है जिसके जल्दी ही सुलझ जाने की संभावना है।