Israel के पूर्व प्रधानमंत्री ने विश्व नेताओं से नेतन्याहू को अलग-थलग करने का आग्रह किया

Samachar Jagat | Friday, 17 Mar 2023 09:58:10 AM
Israel's former prime minister urges world leaders to isolate Netanyahu

तेल अवीव : इज़राइल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने बृहस्पतिवार को विश्व नेताओं से देश के वर्तमान प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को अलग-थलग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नेतन्याहू इज़राइल की न्याय प्रणाली को खत्म करने की योजना के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इज़राइल के करीबी सहयोगी अमेरिका और जर्मनी ने भी नेतन्याहू से संयम बरतने की अपील की है।

संयम बरतने और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप का यह दुर्लभ आह्वान ऐसे समय में किया गया है, जब इज़राइल में नेतन्याहू की योजना के विरोध में हजारों लोग सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। न्यायिक प्रणाली में बदलाव के लिए नेतन्याहू द्बारा पेश प्रस्ताव के अमल में आने से इज़राइली संसद को उच्चतम न्यायालय के फैसलों को पलटने और न्यायधीशों की नियुक्ति करने का अधिकार मिल जाएगा। इसके विरोध में इज़राइल में व्यापक स्तर पर प्रदर्शन किए जा रहे हैं। वर्ष 2006 से 2009 तक इज़राइल के प्रधानमंत्री रहे ओलमर्ट ने 'द एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा कि विश्व नेताओं को नेतन्याहू से मिलने से मना कर देना चाहिए।

उन्होंने खासकर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से अपील की, जिनके आने वाले हफ्तों में नेतन्याहू की मेजबानी करने की उम्मीद है। ओलमर्ट ने कहा, ''मैं इज़राइल के मित्र देशों के नेताओं से नेतन्याहू के साथ बैठक न करने का आग्रह करता हूं।’’ ओलमर्ट ने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि इज़राइल के पूर्व प्रधानमंत्री के रूप में उनका आह्वान ''काफी असाधारण’’ है, लेकिन यही समय की मांग है। उन्होंने कहा, ''मुझे लगता है कि इज़राइल की मौजूदा सरकार पूरी तरह से देश विरोधी है।’’ इस बीच, देश के पांच विपक्षी दलों के नेताओं ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन किया और नेतन्याहू से राष्ट्रपति का समझौता प्रस्ताव स्वीकार करने को कहा।

विपक्ष के नेता येर लापिद ने कहा कि वह ''राष्ट्रपति के प्रस्ताव का स्वागत करते हैं।’’ राष्ट्रपति आइजैक हरज़ोग ने टेलीविजन पर प्रसारित संबोधन में नेतन्याहू को समझौते की पेशकश की थी। हरज़ोग ने कहा था कि उन्होंने समाज के विभिन्न तबकों के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया था, जिसमें यह निष्कर्ष निकला कि इज़राइल के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए एक समझौते पर सहमति बनना जरूरी है। इस बीच, बर्लिन में नेतन्याहू के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने योजना के बारे में चिंता व्यक्त की और ''व्यापक स्तर पर बुनियादी सहमति’’ हासिल करने के लिए इज़राइल के राष्ट्रपति के प्रयासों की सराहना की।

नेतन्याहू की मौजूदगी में स्कोल्ज़ ने कहा, ''इज़राइल एक करीबी दोस्त है, जिसके साथ हम लोकतांत्रिक मूल्य साझा करते हैं। हम इस बहस पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और मैं इस तथ्य को नहीं छिपा सकता कि हम बड़ी चिता के साथ इस पर नजर रखे हैं।’’
उन्होंने कहा, ''न्यायपालिका की स्वतंत्रता एक बहुमूल्य लोकतांत्रिक ताकत है।’’ नेतन्याहू ने स्कोल्ज़ की बात का उन पर कोई असर न होने का संकेत दिया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, ''देश में जो भी हो रहा है, मुझे उसकी पूरी जानकारी है, लेकिन हमें कुछ ऐसा लाने की जरूरत है, जो हमें मिले जनादेश के अनुरूप हो।’’

इस बीच, व्हाइट हाउस ने भी हरज़ोग के प्रयासों की सराहना की। व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ''हमारे लोकतंत्र की महानता... और स्पष्ट रूप से इज़राइल के लोकतंत्र की महानता... मजबूत संस्थानों पर आधारित है, जिसमें नियंत्रण और संतुलन शामिल है, जो एक स्वतंत्र न्यायपालिका को बढ़ावा देते हैं।’’ उन्होंने कहा कि हरज़ोग के प्रयास ''इन्हीं समान लोकतांत्रिक सिद्धांतों के अनुरूप हैं।’’



 


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