वायरस वाली पीडीएफ फाइल: इस नाम से आने वाली पीडीएफ फाइल को गलती से भी न खोलें, बैंक खाता पूरी तरह से खाली हो जाएगा

Samachar Jagat | Saturday, 10 Jun 2023 02:34:17 PM
PDF file with virus: Don’t open the PDF file that comes with this name even by mistake, bank account will be completely empty

नयी दिल्ली। अगर आपको लगता है कि किसी संदिग्ध वेबसाइट पर जाने या कुछ डाउनलोड करने पर ही वायरस आपके मोबाइल या कंप्यूटर में प्रवेश करेगा, तो आप गलत हैं। जैसे ही आप कोई फाइल खोलते हैं, आपके सिस्टम में सेंध लग सकती है।

हैकर्स ने अब पीडीएफ फाइल को लोगों के बैंक खाते खाली करने का हथियार बना लिया है। साइबर सुरक्षा फर्म पालो ऑल्टो नेटवर्क्स ने पाया है कि हैकर्स ई-मेल के जरिए पीडीएफ फाइल भेजकर मालवेयर इंस्टॉल कर रहे हैं। “अपडेटेड सैलरी” और “इनवॉइस_एयूजी_4601582.पीडीएफ” नाम की पीडीएफ फाइलों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है।

इसलिए अगर आपको भी इन नामों से कोई पीडीएफ ई-मेल से प्राप्त होता है तो उसे भूलकर भी न खोलें। अगर आपने गलती से भी कर लिया ये काम तो आपका बैंक खाता खाली होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।


पालो अल्टो नेटवर्क्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि हैकर्स पीडीएफ फाइल को लोकप्रिय नाम दे रहे हैं ताकि प्राप्तकर्ता इसे सुरक्षित पाए और इसे खोल सके। ज्यादातर लोग नहीं जानते कि पीडीएफ फाइलों के जरिए भी सिस्टम पर अटैक किया जा सकता है। इसका फायदा हैकर उठा रहे हैं। पीडीएफ फाइल अटैचमेंट के साथ यूआरएल लिंक या बटन भी भेजे जा रहे हैं। इन पर क्लिक करते ही यूजर्स ठगी के मकसद से बनाई गई वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं।

इन वेबसाइटों पर जाना ज्यादा खतरनाक है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हैकर्स किन लोगों को ज्यादा निशाना बना रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अश्लील वेबसाइटों और वित्तीय सेवाएं देने वाली साइटों पर जाने वाले लोग, जिनके डोमेन हाल ही में पंजीकृत (नए पंजीकृत डोमेन-एनआरडी) किए गए हैं, हैकर्स के निशाने पर हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि नई पंजीकृत वेबसाइटों की साइबर सुरक्षा संरचना स्थापित वेबसाइटों की तुलना में कमजोर है। इसी वजह से ये वेबसाइट फिशिंग, सोशल इंजीनियरिंग या मैलवेयर फैलाने में ज्यादा मददगार होती हैं।

अभी एआई में हैकर्स की ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है। लेकिन, कमाल की बात यह है कि हैकर्स ने इसमें दिलचस्पी नहीं जगाई। पालो अल्टो नेटवर्क्स की रिपोर्ट के मुताबिक एआई का इस्तेमाल हैकर्स कुछ हद तक कर रहे हैं। हालांकि, चैटजीपीटी के लॉन्च होने और इसके बढ़ते इस्तेमाल से साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को लगा कि हैकर्स इसका गलत इस्तेमाल करेंगे, लेकिन अब तक ऐसा नहीं हुआ है।

(pc rightsofemployees)



 


Copyright @ 2024 Samachar Jagat, Jaipur. All Right Reserved.