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आज पूरे भारत में 11वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस उत्साह और जोश के साथ मनाया गया। इस वर्ष की थीम रही — "योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ" यानी "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग"। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस खास अवसर पर आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में मौजूद रहे और वहां तीन लाख से अधिक लोगों के साथ योगाभ्यास किया।
योग दिवस की शुरुआत 2015 में हुई थी, जब प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में इसका प्रस्ताव रखा था, जिसे वैश्विक स्तर पर सराहा गया। तब से हर साल 21 जून को योग दिवस मनाया जाता है।
विशाखापत्तनम बना योग का केंद्र
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार की सुबह विशाखापत्तनम में विशाल जनसमूह के साथ योगाभ्यास किया। यह आयोजन सुबह से ही चर्चा में रहा, क्योंकि इसमें हिस्सा लेने के लिए भारी संख्या में लोग जुटे। अनुमान के मुताबिक करीब 3 लाख लोग इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बने।
प्रधानमंत्री ने योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा,
"योग सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी जोड़ता है। यह एक स्वस्थ समाज और संतुलित जीवन की नींव है।"
देशभर में योग दिवस की धूम
योग दिवस के अवसर पर सिर्फ विशाखापत्तनम ही नहीं, बल्कि देश के कोने-कोने में कार्यक्रम आयोजित किए गए।
गोरखपुर में CM योगी आदित्यनाथ का योग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में योग कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि योग भारत की प्राचीन विरासत है, जिसे आज विश्वभर में अपनाया जा रहा है।
जैसलमेर में CM भजनलाल शर्मा का योग सत्र
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जैसलमेर में योग दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया और लोगों से योग को रोज़मर्रा की दिनचर्या में शामिल करने की अपील की।
"वन अर्थ, वन हेल्थ" थीम का महत्व
इस वर्ष की थीम “One Earth, One Health” का उद्देश्य पूरी दुनिया को यह संदेश देना है कि मानव स्वास्थ्य केवल व्यक्तिगत स्तर पर नहीं, बल्कि पूरी पृथ्वी के स्वास्थ्य से जुड़ा है। योग मानसिक शांति, शारीरिक संतुलन और सामाजिक सौहार्द का माध्यम है।
योग: एक वैश्विक आंदोलन
आज योग सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक वैश्विक आंदोलन बन चुका है। अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों में भारतीय दूतावासों ने योग दिवस पर विशेष आयोजन किए। लाखों लोगों ने ऑनलाइन माध्यमों से जुड़कर इस उत्सव में भाग लिया।
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और विश्व में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रतीक है। प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भारत ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि योग न केवल व्यक्तिगत जीवन में, बल्कि सामाजिक और वैश्विक स्तर पर भी सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति रखता है।