Ashok Gehlot ने एक बार फिर से कर दिया है राहुल गांधी की इस बात का समर्थन

Hanuman | Friday, 14 Feb 2025 08:27:45 AM
Ashok Gehlot has once again supported this statement of Rahul Gandhi

इंटरनेट डेस्क। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक फिर से जातिगत जनगणना को लेकर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी की बात का समर्थन किया है। इस संबंध में अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया के माध्यम से बड़ी बात ही है।

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इस संबंध में एक्स के माध्यम से कहा कि ‘सिर्फ जाति तक सीमित नहीं जातिगत जनगणना, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के लिए बेहद जरूरी’। दुनिया के अनेक विकसित और विकासशील देशों में सभी जरूरतमंद परिवारों को साप्ताहिक और मासिक तौर पर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत एक निश्चित राशि दी जाती है। भारत भी अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है परन्तु हमारे देश में ऐसी कोई स्थायी सामाजिक सुरक्षा योजना नहीं है। इसीलिए नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार सामाजिक, आर्थिक एवं जातिगत जनगणना की बात कर रहे हैं। 

भाजपा इसे केवल जातिगत जनगणना तक सीमित कर बताती है, परन्तु इसमें जाति के साथ आर्थिक एवं सामाजिक पृष्टभूमि की भी जानकारी मिल सकेगी। इस प्रकार यदि सरकार के पास सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति का उचित डाटा होगा तो पूरे देश के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योजना बनाई जा सकती है। इसके बाद तथाकथित ‘फ्रीबीज’ कही जाने वाली योजनाएं चुनाव से पूर्व पार्टियों के घोषणापत्रों अथवा राज्य सरकारों के कार्यक्रमों में आना बन्द हो जाएंगी। 

अब समय आ चुका है कि केन्द्र सरकार सही डाटा इक_ा कर सभी राज्यों से चर्चा कर एक फॉर्मूला तय करे जिससे जरूरतमंद परिवारों को सहायता दी जा सके। पूरे देश में एक जैसी योजना होने पर समाज के समृद्ध वर्ग में यह भावना आनी भी बन्द हो जाएगी कि सरकारें टैक्स के पैसे को केवल गरीब वर्ग पर लुटा रही हैं।

संविधान के अनुच्छेद 39 में राज्य के नीति निर्देशक तत्व स्पष्ट कहते हैं कि सभी नागरिकों को, चाहे वे पुरुष हों या महिला, समान रूप से, आजीविका के पर्याप्त साधनों का अधिकार है एवं समाज के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार वितरित किया जाए कि वह सर्वजन हिताय हो। 

सरकार का काम टैक्स की कमाई को अलग-अलग वर्गों की जरूरत के मुताबिक समाज में बांटना है
इस देश में रहने वाला हर नागरिक टैक्स देता है। कुछ डायरेक्ट टैक्स (इनकम टैक्स) देते हैं और सभी इनडायरेक्ट टैक्स (जीएसटी, वैट इत्यादि) देते हैं। सरकार का काम उस टैक्स की कमाई को अलग-अलग वर्गों की जरूरत के मुताबिक समाज में बांटना है। यूपीए सरकार के दौरान खाद्य सुरक्षा योजना आने के बाद से ही पहले सामान्य तौर पर आने वाली भूख से मौत की खबरें आना बन्द हो गई हैं। चिरंजीवी योजना जैसी निशुल्क बीमा स्कीम और फ्री इलाज से उपचार के अभाव में मृत्यु कम हुई हैं।

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