यूपी में बूचड़खाने बंद होने से शेरों को नहीं मिल पा रहा मांस, मुर्गा खाकर चला रहे हैं भर रहे हैं पेट

Samachar Jagat | Friday, 31 Mar 2017 06:28:56 PM
Lions are not getting meat in the UP

नई दिल्ली। विपक्ष के सांसदों ने राज्यसभा में सरकार पर आरोप लगाया है कि यूपी में बूचड़खाने बंद होने के बाद शेरों को मांस तक नसीब नहीं हो रहा है। उन्होंने बताया है कि शेरों को अब मुर्गा खाकर अपना गुजारा करना पड़ रहा है। राज्यसभा में यह आरोप लगाने वाले सांसदों का कहना था कि अवैध बूचड़खानों के खिलाफ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जो कार्रवाई की है इससे कई लोगों के रोजगार छिन गए हैं। 

राज्य सभा में शून्य काल के दौरान ही तृणमूल कांग्रेस के सांसद नदीमुल हक ने मामला उठाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में हालत यह हो गई है कि अवैध बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर मांस बेचने और इसे तैयार करने वाले लोगों के आगे रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है।

नदीमुल हक ने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार जिस तरह से ताबड़तोड़ बूचड़खानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है उससे रोजी-रोटी कमाने के लोगों के मूलभूत अधिकार पर ही सवालिया निशान लग गया है। हक ने कहा कि कौन आदमी क्या काम करता है और क्या खाता-पीता है, यह तय करना राज्य सरकार का अधिकार नहीं है। 

उनका कहना था कि अगर राज्य सरकार को बूचडख़ानों के खिलाफ कार्रवाई करनी ही थी, तो इसका एक रोड मैप बनना चाहिए था ताकि इस काम में लगे लोग दूसरा रोजगार खोज सकें। नदीम उल हक ने कहा कि इंसानों की बात तो छोडि़ए उत्तर प्रदेश के चिडिय़ाघरों में शेर और बाघों को भी मुर्गे खा कर जिंदा रहना पड़ रहा है।

वह बोल ही रहे थे कि पीछे से आवाज आई कि मुर्गे क्या वहां तो शेरों को गाजर खाना पड़ रहा है। सरकार की तरफ से जवाब देते हुए मुख्तार अब्बास नकवी ने दो टूक कहा कि सिर्फ उनके खिलाफ कार्रवाई हो रही है जो गैरकानूनी तरीके से चल रहे थे। उन्होंने कहा कि गैरकानूनी कत्लखानों को छोड़ा नहीं जाएगा और कानूनी तौर पर चल रहे बूचडख़ानों को छुआ नहीं जाएगा। 
 



 

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