Delhi-Dehradun Expressway के निर्माण के लिए एनजीओ को बस्ती विकास केंद्र खाली करने का निर्देश

Samachar Jagat | Saturday, 13 May 2023 03:46:53 PM
NGO directed to vacate Basti Vikas Kendra for construction of Delhi-Dehradun Expressway

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक एनजीओ को पूर्वी दिल्ली में सार्वजनिक भूमि पर बने बस्ती विकास केंद्र को खाली करने का निर्देश दिया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए इस जमीन की जरूरत है।

उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) आशा कम्युनिटी हेल्थ डेवलपमेंट सोसाइटी से कहा कि वह 14 मई या इससे पहले अपना सारा सामान हटाकर बस्ती विकास केंद्र (बीवीके) को खाली कर दे। अदालत ने कहा कि एनएचएआई 15 मई से इसे गिराने या क्षेत्र में निर्माण गतिविधि के लिए स्वतंत्र होगा।एलिवेटेड कॉरिडोर पर काम पूरा होने के बाद बीवीके के पुनर्निर्माण कार्यक्रम पर सहमति के लिए दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी), एनएचएआई और दिल्ली विकास प्राधिकरण/रेलवे अधिकारियों के बीच एक बैठक आयोजित की जाएगी।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिह ने आठ मई के अपने आदेश में कहा, ''इन समग्र परिस्थितियों में, अदालत एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण और बीवीके के ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने की इच्छुक नहीं है।’’उच्च न्यायालय एनजीओ की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था जिसमें कहा गया था कि 27 अप्रैल को गांधीनगर क्षेत्र में स्थित बीवीके को गिराने के लिए बुलडोजर आए थे। याचिका में दावा किया गया था कि इस संबंध में याचिकाकर्ता को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया।याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे बीवीके चलाने के लिए डीयूएसआईबी द्बारा परिसर आवंटित किया गया था और तदनुसार, इस तथ्य को चुनौती दी गई है कि बिना नोटिस के केंद्र को ढहाने का प्रयास किया गया।

इसने ध्वस्तीकरण पर रोक लगाने या किसी वैकल्पिक जगह के आवंटन का भी अनुरोध किया।डीयूएसआईबी के वकील ने कहा कि दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए एनएचएआई द्बारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जानी है, जो एक राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा परियोजना है और बीवीके सरकारी भूमि पर है तथा याचिकाकर्ता द्बारा इस पर किसी भी अधिकार का दावा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में दो अन्य मोहल्ला क्लिनिक और दिल्ली सरकार की एक डिस्पेंसरी है तथा स्थानीय निवासियों को चिकित्सा सुविधाओं के मामले में कोई असुविधा नहीं होगी। 

Pc:News18 Hindi



 


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