नई दिल्ली। राजधानी में प्रदूषण के खतरनाक स्तर से कई गुना अधिक हो जाने के मद्देनजर दिल्ली के तीनों निगमों ने कल स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की है। दीपावली की आतिशबाजी और पड़ोसी राज्यों में फसलों के अपशिष्ट जलाए जाने से पिछले पांच दिनों से राजधानी बुरी तरह प्रदूषण की गिरफ्त में हैं और लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। धुएं की वजह से ²श्यता पर भी बुरा असर पड़ा है।
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के नेता सुभाष आर्य ने आज यहां बताया कि प्रदूषण की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए शनिवार को स्कूल बंद रखने का फैसला किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले कई दिनों से राजधानी में सुबह धुएं की वजह से यातायात पर प्रभाव पड़ रहा है और बच्चों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ा है ।
आर्य ने बताया कि कल अभिभावकों और अध्यापकों की होने वाली बैठक भी रद्द कर दी गई है। दिल्ली के अन्य दो निगमों उत्तरी दिल्ली नगर निगम और दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने भी स्कूल बंद रखने का निर्णय किया है। तीनों निगमों के अधीन करीब 1700 स्कूल हैं और इनमें 10 लाख से अधिक बच्चे पढ़ते हैं। निगमों के स्कूलों में मुख्यत: प्राथमिक विद्यालय हैं और इनमें अधिकतर गरीब तबके बच्चे पढ़ाई करते हैं।
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण(एनजीटी) ने भी राजधानी में प्रदूषण की बदतर स्थिति को देखते हुए केन्द्र और दिल्ली सरकार को आज जमकर फटकार लगाई है। एनजीटी ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह केवल बैठकें करने में व्यस्त हैं, प्रदूषण को रोकने के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए हैं। न्यायाधिकरण ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के सचिवों को इस मामले पर रिपोर्ट के साथ आठ नवम्बर को तलब किया है।