मुंबई। बंबई उच्च न्यायालय ने बृहनमुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड अंडरटेकिंग बेस्ट कर्मचारी यूनियन की उस याचिका को खारिज कर दिया है जो कि उसने कामकाजी घंटों संबंधी प्रावधानों को चुनौती देते हुए दायर की थी।
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इस याचिका में मोटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स एक्ट में कामकाजी घंटों से जुड़े कुछ प्रावधानों को समाप्त करने का आग्रह किया गया था। याचिका के अनुसार ये प्रावधान जीवन अधिकार का उल्लंघन करते हैं। मुख्य न्यायाधीश डा मंजुला छेलुर व न्यायमूर्ति एम एस सोनक ने याचिका खारिज कर दी।
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अदालत ने कहा कि उसे नहीं लगता कि उक्त प्रावधान संविधान में प्रदत्त जीने के अधिकार का किसी तरह उल्लंघन करते हैं। अदालत ने कामकाजी घंटों से जुड़े प्रावधानों को समाप्त करने से इनकार कर दिया।
बेस्ट यूनियन के वकील का कहना था कि कानूनी प्रावधानों के तहत किसी भी मोटर ट्रांसपोर्ट कर्मचारी द्वारा हर दिन आठ घंटे से अधिक या सप्ताह में 48 घंटे से अधिक काम करना उक्त कर्मचारी के जीने के अधिकार पर प्रतिकूल असर डालता है और यह एक तरह से संविधान का उल्लंघन है।
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