वाशिंगटन। भारत और अमेरिका के बीच अगले सप्ताह नई दिल्ली में होने वाली रणनीतिक एवं वाणिज्यिक बातचीत में दोनों देशों के बीच अब तक हुई प्रगति की समीक्षा और आगे की रूपरेखा पर विचार-विमर्श हो सकता है। अमेरिकी प्रशासन के विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, भारत और अमेरिका के बीच होने वाली रणनीतिक और वाणिज्यिक बातचीत में दोनों देशों को इस बात पर गौर करने का अवसर प्राप्त होगा कि हम कहां पहुंचे हैं और भविष्य का रास्ता क्या होना चाहिए, हमें कहां पहुंचना है और इस रिश्ते का किस प्रकार बेहतर इस्तेमाल किया जा सकता है।
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अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी और वाणिज्य मंत्री पेनी प्रिजकर अगले सप्ताह इस बातचीत के लिए नई दिल्ली में होंगे। अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के मौजूदा प्रशासन के तहत भारत-अमेरिका रणनीतिक एवं वाणिज्यिक बातचीत का यह अंतिम दौर होगा। कैरी और प्रिजकर के साथ विभिन्न सरकारी एजेंसियों के 12 शीर्ष अधिकारी होंगे। भारत की ओर से विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण बैठक का नेतृत्व करेंगी।
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जॉन कैरी 29 अगस्त को ढाका से नई दिल्ली पहुंचेंगे। रणनीतिक और वाणिज्यिक बातचीत 30 अगस्त को होना तय है। दोनों देशों के बीच यह इस तरह के सातवें दौर की बातचीत होगी। इसकी शुरूआत 2009 में तत्कालीन विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने की थी। हिलेरी क्लिंटन इस समय डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से अमेरिका के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैं। वर्ष 2015 में इस बातचीत में अमेरिका और भारत दोनों ने ही वाणिज्यिक मुद्दों को भी शामिल किया था और इस लिहाज से दूसरी रणनीतिक और वाणिज्यिक बातचीत होगी।-एजेंसी