नई दिल्ली। देश के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई-सितंबर की तिमाही में ऊंची रहेगी। एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि निर्यात संभावनाओं तथा घरेलू मांग में सुधार से विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर बेहतर रहेगी। हालांकि, इस दौरान नियुक्तियों के मोर्चे पर सुस्ती जारी रहेगी। उद्योग मंडल फिक्की के दूसरी तिमाही के विनिर्माण परिदृश्य पर तिमाही सर्वेक्षण के अनुसार यह तथ्य भी सामने आया है कि विनिर्माताओं द्वारा चुकाई जा रही ब्याज दर अभी भी काफी ऊंची है।
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इसमें कहा गया है कि अनिश्चित आर्थिक वातावरण, प्रतिकूल बाजार परिस्थितियां, आयात से प्रतिस्पर्धा, मंजूरियों में देरी, अपर्याप्त ढांचा तथा लागत वृद्धि कुछ प्रमुख कारक हैं जिनकी वजह से उद्योग की विस्तार की योजना में अड़चन आ रही है। इससे पहले सर्वेक्षण में 2016-17 की पहली तिमाही में सुस्ती का संकेत दिया गया था, जो अब दूर हो रहा है।
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सर्वेक्षण में शामिल 55 फीसद लोगों की राय थी कि जुलाई सितंबर तिमाही में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि उंची रहेगी। अप्रैल-जून, 2016-17 की तिमाही में यह राय जताने वालों की संख्या 53 प्रतिशत थी। हालांकि, यह पिछले वित्त वर्ष की जनवरी-मार्च तिमाही के 60 प्रतिशत से काफी कम है। देश के विनिर्माण क्षेत्र में सुधार आ रहा है और इस क्षेत्र की वृद्धि दर जुलाई में चार माह की उंचाई पर पहुंच गई। कारोबारी आर्डर में बढ़ोतरी से क्षेत्र की स्थिति सुधरी है।-एजेंसी