निवेश आकर्षित करने, बुनियादी ढांचे की कमी पूरा करने के लिए सुधारों को आगे बढ़ाएगी सरकार: जेटली

Samachar Jagat | Tuesday, 08 Nov 2016 12:27:54 PM
To attract investment, the lack of infrastructure to meet the government reforms forward: Jaitley

नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज अर्थव्यवस्था को और खोलने पर जोर देते हुए कहा कि केंद्र सरकार और निवेश आकर्षित करने और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कमी को पूरा करने के लिए सुधारों की रफ्तार तेज करेगी। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि आर्थिक वृद्धि दर के मोर्चे पर ‘काफी हद तक बेसब्री’ है। 

भारत-ब्रिटेन प्रौद्योगिकी सम्मेलन को संबोधित करते हुए जेटली ने कहा कि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में यहां अर्थव्यवस्था के विस्तार के साथ ही संरक्षणवाद के लिए आवाज उठाने वाली आवाजें गायब हैं। 

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उन्होंने कहा, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था की सबसे बड़ी ताकत यह है कि हम किसी अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्था की तुलना में अधिक तेजी से आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन अपने खुद के मानदंड के हिसाब से हम संतुष्ट नहीं हैं। भारत में इस बात को लेकर बेचैनी है और यह अहसास भी है कि हम अधिक तेजी से वृद्धि कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा कि आजादी के सात दशक के बाद दुनिया में भारत की आवाज पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा, ‘ऐसे में और सुधार, अर्थव्यवस्था को अधिक खोलने, अधिक निवेश आकर्षित करने और विनिर्माण में अधिक विस्तार के लिए तथा बुनियादी ढांचे में कमी को अधिक तेजी से पाटने के लिए हम यह कर रहे हैं।’

वित्त मंत्री ने कहा कि 2,200 अरब डालर की भारतीय अर्थव्यवस्था विस्तार कर रही है और यह संरक्षणवाद की आवाजों से सबसे कम प्रभावित है। 

उन्होंने कहा, ‘आमतौर पर यह देखने में आता है कि अल्प विकसित या विकासशील अर्थव्यवस्थाएं संरक्षणवाद की आवाज उठाती हैं। भारत में इस तरह की आवाज सुनाई नहीं देती। ’

उन्होंने कहा, ‘‘हम अर्थव्यवस्था को और खोलने की सोच रहे हैं। यही हमारी अर्थव्यवस्था की दिशा है।’’ जेटली ने कहा कि पूर्व में कई अवसर गंवाए जा चुके हैं। कोई भी आकांक्षी देश अब इन अवसरों को बेकार नहीं जाने देगा। 

उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप उन क्षेत्रों को देखें जहां वृद्धि की संभावनाएं हैं, तो एक निश्चित क्षेत्र विनिर्माण है। विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी को 15 से बढ़ाकर 25 प्रतिशत किया जाना है। तभी हम यह जानेंगे कि हम अधिक नौकरियों का सृजन कर रहे हैं और अधिक बेहतर तरीके से विस्तार कर रहे हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि पूर्वी भारत वृद्धि की भारी संभावनाएं हैं। ग्रामीण इलाकों में कमी है और वहां निवेश की शानदार संभावनाएं हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि यूरोपीय संघ से बाहर निकलने के बाद ब्रिटेन यूरोप के बाहर भारत जैसे देशों की ओर देख रहा है। भारत जैसे देश व्यापार और कारोबार में उसके भविष्य के शानदार सहयोगी बन सकते हैं। जेटली ने कहा कि भारत पिछले कुछ साल से बुनियादी ढांचा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विस्तार की तैयारी कर रहा है।        

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वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘‘हमारे पास सबसे द्रुतगति का राजमार्ग और ग्रामीण सडक़ निर्माण कार्यक्रम है। हमारी 400 रेलवे स्टेशनों के उन्नयन करने, अधिक हवाई अड्डे तथा समुद्री बंदरगाह बनाने की योजना है। साथ ही हम स्मार्ट शहर विकसित कर रहे हैं। ये सभी क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें हमें भारी निवेश की जरूरत है।’’ 

जेटली ने कहा कि भारत इन बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में भारी निवेश चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘इसी वजह से हमने अपनी नीतियों को उदार किया है, निवेश के और उत्पाद पेश किए हैं। दुनिया में हमारी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई नीतियां सबसे अधिक मुक्त हैं....जिससे हम अधिक निवेश आकर्षित करने की स्थिति में हों और देश में निवेश आकर्षित करने को अनुकूल वातावरण बना सकें। हमारे दरवाजे सभी प्रकार की प्रौद्योगिकियों के लिए खुले हैं और भारत के पास श्रमबल संसाधन है।’’ 

वित्त मंत्री ने कहा कि अगले एक-दो दशक में भारत वैश्विक स्तर पर बेहद प्रतिस्पर्धी दरों पर योग्य प्रतिभाओं को उपलब्ध कराएगा, जिससे देश कुशल श्रमबल के हब के रूप में उभर सकेगा।                            -एजेंसी 

 

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