जयपुर। आम आदमी पार्टी, राजस्थान ने प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से आग्रह किया है की वे दिल्ली के बजट को देखें और राजस्थान के लिए बजट को सही दिशा दे। दिल्ली उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शिक्षा को सर्वाधिक महत्व दिया है जबकि राजस्थान के बजट में शिक्षा को कोई महत्व ही नही दिया गया है।
आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता देवेन्द्र शास्त्री, वरिष्ठ नेता डॉ.वीरेन्द्र सिंह एवं डॉ. कोस्तुभ दाधीच ने आज एक प्रेस वार्ता में राजस्थान और दिल्ली के बजट की तुलनात्मक जानकारी देते हुए कहा की प्रदेश के आर्थिक मामलो को ज्यादा गंभीरता से लेने की जरुरत है।
वरिष्ठ नेता डॉ.वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि दिल्ली के बजट की दिशा और फोकस तय है। इसलिए आज अकेला राज्य है जहां बजट में सरप्लस में है। प्रदेश की जरुरत को देखते हुए बजट में शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओ को बजट आवंटित किया गया है. बजट की पर्फोमेंस को भी कवाटरली रिव्यू करने की व्यवस्था है. जबकि राजस्थान में पिछले बजट की घोषनाओ की कभी मोनिटर नही किया गया. आगे भी कोई व्यवस्था नही होगी।
पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ कोस्तुभ दाधीच ने बताया की तुलनात्मक चर्चा करते हुए कहा की इस बजट में 24 हजार करोड़ का राजकोषीय घाटा दिखाया गया है और पिछले साल का बजट का घाटा 17 हजार करोड़ है जो बहुत अधिक है और सरकार की और से राजस्व के साधन बढ़ा कर इस घाटे को केसे कवर किया जायेगा इस बारे कोई भी योजना प्रस्तुत नही की गई है।
जहां एक और जनता बिजली की बढ़ी दरों से परेशान है वहीं सरकार ने फिर से बिजली कंपनियों से कुप्रबंध के कारण हो रहे 15 हजार करोड़ के घाटे को बजट प्रावधान में लिया है परन्तु बिजली कंपनिया कुप्रबंधन एवं भ्रष्टाचार से केसे उभरेगी इस बारे में भी कोई योजना प्रस्तुत नही की गई. क्रषि क्षेत्र को मात्र 5.52% प्रावधान मिलना भी दुर्भाग्य पूर्ण है।
डॉ दाधीच ने कहा की सभी मदों में पिछले वर्ष के बजट की तुलना में बताई गई बढ़ोतरी केवल आकड़ो का खेल है क्योकि राज्य कर्मचारियों को दिए जाने वाले 3 डीए एवं 12% वेतन वर्दी का एरियर दिया जाना है जिसको निकलने के बाद किसी भी मद में बढ़ोतरी दिखाई नही देगी।
उन्होंने कहा की मुख्यमंत्री आज भी निश्चित तिथि नहीं दे पाई की राज्य कर्मचारियों को 7 वे वेतनमान का लाभ किस महीने में दिया जायेगा।
प्रदेश प्रवक्ता देवेन्द्र शास्त्री ने कहा की राजस्थान में आप देखेगे की आम बजट में उन सुविधाओ को स्थान दिया गया है जो रेगुलर चलती आ रही है जिसका बजट में कोई प्रावधान करने का तर्क ही नही बनता था शिक्षा के बजट में खाना पूर्ति करते हुए केवल बजट राशी बढ़ा दी गई और सुविधाओ की बात की जाये तो स्थिति नग्न ही रखी गई है. जो शिक्षा को प्राथमिकता से लेना चाहिए था वो राज्य में केवल एक व्यापार बन कर रह गई है।
चिकित्सा की बात की जाये तो कहने को राजस्थान का सबसा बड़ा अस्पताल एसएमएस बदहाल स्थिति में है. अस्पताल में निशुल्क दवाई तो मिल रही है लेकिन आधी–अधूरी, वहीं बैड़ की संख्या में अभी तक कोई इजाफा देखने को नही मिला जबकि आम बजट में इस अहम मुद्दों को स्थान दिया जाना चाहिए था। अगर राज्य सरकार इसे विजन 2020 नाम दे रही है तो क्या ये विजन ऐसा ही रहेगा।
आप पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व लोकसभा प्रत्याशी डॉ वीरेंदर सिंह ने कहा की राज्य परिवहन व्यवस्था की हालत बहुत ही खस्ता है जिसमे आप देखेगे की राज्य परिवहन विधान के कर्मचारियों को पिछले 3 माह से वेतन नही मिल रहा है, आम बजट में सड़क निर्माण और रोडवेज दोनों को मिलाकर एलोकेशन दिखाया गया है जबकि ट्रांसपोर्ट को महज 235 करोड़ रु एलोकेट किये गए है।
वहीं रोडवेज का घाटा जो ढाई हजार करोड़ है उसकी भरपाई करने के लिए कोई प्रावधान नही किया गया. जिससे भाजपा सरकार की निराशाओ और विजन 2020 के प्रति कार्य करने की भावनाओ का आभास होता है जो केवल खानापूर्ति कर केवल गुमराह करना जानते है और अपने चहेतों को सुविधाए उपलब्ध करवाकर राज्य के विकास का नाम दे रहे है।