नई दिल्ली। फिल्म निर्माता-निर्देशक व अभिनेता फरहान अखतर बड़ी सफलता के साथ कैमरे के पीछे की अपनी भूमिका से परिवर्तित होकर एक विश्वसनीय बॉलीवुड अभिनेता के तौर पर स्थापित हो गए लेकिन उनका मानना है कि उनके अभिनय करियर का जीवन बहुत ही सीमित है। उनका कहना है कि वह इस तरह की भूमिकाओं को लंबे समय तक नहीं निभा सकते हैं।
42 वर्षीय इस फिल्म अभिनेता-निर्माता ने अपने अभिनय करियर की शुरआत 2008 में आई फिल्म ‘रॉक ऑन’ के साथ की थी और फिर बाद में उन्होंने ‘लक बाय चांस’, ‘कार्तिक कॉलिंग कार्तिक’, ‘जिंदगी ना मिलेगी दोबारा’, ‘भाग मिल्खा भाग’, शादी के साइड इफेक्ट्स’, ‘दिल धडक़ने दो’ और ‘वजीर’ जैसी फिल्मों में अभिनय किया।
अभिनय के प्रति उनके प्यार ने उन्हें निर्देशन से ब्रेक लेने को मजबूर कर दिया। फरहान के निर्देशन की अंतिम फिल्म 2011 में आई ‘डॉन 2’ है। उनका कहना है कि उन्होंने अभिनय करना इसलिए शुरू किया क्योंकि वे कैमरा के सामने होना पसंद करते हैं।
फरहान ने कहा, ‘इसमें सहज होने को लेकर कोई सवाल नहीं है। मैं निश्चित तौर इसका आनंद उठा पा रहा हूं। अगर आपका दिल किसी काम को करने में लग रहा है तो कोई भी चीज आसान हो जाती है। मेरा मानना है कि मेरे हिसाब से काफी अच्छे रोल का प्रस्ताव मिल रहे हैं और मैं उन फिल्मों को लेकर काफी खुश हूं जिसमें मुझे काम करने का मौका मिला। यह काफी रोचक है।
फरहान अख्तर अपनी फिल्म ‘रॉक ऑन’ का सीक्वल ‘रॉक ऑन 2’ के रिलीज होने का इंतजार कर रहे हैं, जो इस शुक्रवार को सिनेमाघरों में दस्तक देगी। इस फिल्म में भी इसकी पहली फिल्म के मुख्य अभिनेता दिखाई देंगें जिसमें फरहान अख्तर के अलावा अर्जुन रामपाल, पूरब कोहली, प्राची देसाई शामिल हैं। इसके अलावा इस फिल्म में नये चेहरे भी दिखाई देंगे, जिसमें श्रद्धा कपूर और शशांक अरोड़ा शामिल है।
‘रॉक ऑन 2’ के अलावा फरहान की दो और फिल्में ‘डॉन 2’ और ‘दिल चाहता है’ की भी अगली कड़ी पर काम किए जाने की संभावना है।