इलाहाबाद। एक बार फिर गूगल सर्च इंजन पर ‘टॉप 10’ अपराधियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो आ रही है। सर्च इंजन के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला चलाए जाने की मांग को लेकर पेश चुनौती याचिका कोर्ट ने सुनवाई के लिए मंजूर कर ली है।
गूगल के अफसरों पर आरोप है कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की छवि धूमिल करने की मंशा से उनकी फोटो ‘टॉप 10’ अपराधियों की सूची में पोस्ट कर रखी है। मामले की सुनवाई 31 अगस्त को होगी। सेशन कोर्ट ने यह आदेश सुशील मिश्रा की ओर से पेश चुनौती याचिका पर अम्बिकेश्वर मिश्रा एडवोकेट को सुनकर दिया।
क्या है मामला
सुशील मिश्रा ने CJM कोर्ट में अर्जी देकर मांग की थी कि गूगल कम्पनी ने साजिश के तहत पीएम मोदी की छवि धूमिल करने के इरादे से उनकी फोटो टॉप टेन अपराधियों की सूची में पोस्ट कर रखी है। लिहाजा कंपनी अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज कराई जाये। कोर्ट ने इसे मानहानि का सिविल प्रकृति का मामला मानते हुए कहा कि फौजदारी का मामला नहीं बनता है लिहाजा अर्जी खारिज की जाती है।
हालांकि इस अर्जी को CJM ने खारिज कर दिया था और मामला ठंडे बसते में चला गया था जिसके बाद याचिकाकर्ता ने मंगलवार को जिला जज के सामने इसी मामले में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिस पर सुनवाई करते हुए जिला जज ने गूगल के तत्कालीन सीईओ लैरी बेज और भारत में गूगल के चेयरमैन राजन आनंद को नोटिस जारी किया। दोनों को 31 अगस्त को तलब किया गया है।