इन्टरनेट डेस्क। कोई भी नशा उनके पैकेट पर पहले ही चेतावनी दी जाती हैं की "धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं" और इससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो सकती हैं जी हाँ यह सच हैं। आज लोग स्टैण्डर्ड को मैच करने के लिए अधिक मात्रा में धूम्रपान का सेवन करना शुरू कर देते हैं। कोई मानसिक तनाव के चलते धूम्रपान करता हैं तो फ्रसट्रेशन दूर करने के लिए। लेकिन कई बार पिने से यह आदत बनती चली जाती हैं। कई लोगों को इसकी आदत छुड़ाने में मुश्किल भी बहुत होती हैं।
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आपको बता दे की आजकल मार्केट में ई सिगरेट और प्राकृतिक बीड़ी के अलावा निकोटीन च्यूईंगम उपलब्ध है जिंका इस्तेमाल लोग सिगरेट की लत से छुटकारा पाने के लिए करते हैं। लेकिन आपको यह बात जानकार हैरानी होगी कि ये सारे विकल्प सिगरेट के मुक़ाबले दोगुना नुकसानदायक होते हैं। आज हम आपको इन वैकल्पिक तरीकों से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में बताएंगे।
साधारण सिगरेट के मुक़ाबले ई सिगरेट कई गुना ज्यादा हानिकारक होती है। इसका कारण है इसमें भरे जाने वाले खतरनाक केमिकल। ये केमिकल शरीर में कैंसर जैसी बीमारियों को दावत देते हैं। ई सिगरेट में फार्मल्डिहाइड और एसिटलडिहाइड होते हैं जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। साथ ही इसमें निकोटिन पाया जाता है जिससे दांतो और मसूड़ों की बीमारियां होती हैं। अगर आपको इसकी लत पड़ चुकी हैं तो इससे आपकी खूबसूरती पर भी बहुत फर्क पड़ सकता हैं। ज्यादा सिगरेट पिने से आपके हाथ कपकपाने लगते हैं साथ ही होट भी काले होने लगते हैं।
OMG!....इससे भी होती है मोटी बुद्धि!
जड़ी बूटियों वाली सिगरेट ही आम तौर पर हर्बल सिगरेट के नाम से जानी जाती है। इसके अंदर तंबाकू की जगह जड़ी-बूटियां भरी होती हैं। फिर भी यह हानिकारक होती है क्योंकि किसी भी जड़ी-बूटी को जलाने से उसमें से उतना ही टार, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य विषाक्त पदार्थ निकलते हैं जितने कि तंबाकू से। इसलिए जब आप इसका कश लेते हैं तो सीधे फेफड़ों में विषाक्त पदार्थ भर रहे हैं।
कई लोग सिगरेट छोड़ने के लिए निकोटिन च्यूईंगम का सहारा लेते हैं। लेकिन आपको बता दें कि इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर, गैस बनना, कफ, नींद ना आना जैसी बीमारियां होती हैं। साथ ही ओरल हेल्थ से जुड़ी प्रॉब्लम सामने आती हैं।
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