हनुमान जयंती के दिन महावीर हनुमान का जन्म हुआ था, माता अंजनी और केसरी नंदन हनुमान भगवान राम के परम भक्त हैं। अगर भगवान राम को प्रसन्न करना हो तो पहले हनुमानजी को प्रसन्न करना पड़ता है। आज हनुमान जयंती है, इसके साथ ही हनुमान जी का प्रिय वार मंगलवार भी है। आज वही योग बन रहे हैं जो हनुमान जन्म के समय थे, इसी कारण ये हनुमान जयंती बहुत ही खास हो गई है। आज आप सच्चे मन से हनुमान जी की पूजा-अर्चना करें और पूजा करते समय उनके इन 12 नामों का जाप अवश्य करें....
1. हनुमान
2. अंजनीसुत
3. वायुपुत्र
4. महाबल
5. रामेष्ट
6. फाल्गुनसखा
7. पिंगाक्ष
8. अमितविक्रम
9. उदधिक्रमण
10. सीताशोकविनाशन
11. लक्षमणप्राणदाता और
12. दशग्रीवदर्पहा
विशेष फल की प्राप्ति के लिए आप पूजा करते समय हनुमान जी के इन 108 नामों का जाप भी कर सकते हैं। हनुमान जी के इन नामों का जाप करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बजरंगबली उसे सभी कष्टों से दूर रखते हैं। आइए आपको बताते हैं हनुमान जी के 108 नामों के बारे में......
ॐ हनुमते नमः
ॐ विराविराया नमः
ॐ ग्रामवासाया नमः
ॐ जनश्रयड़ायाया नमः
ॐ रुद्राया नमः
ॐ अनागाया नमः
ॐ धनदायाया नमः
ॐ अकायाये नमः
ॐ विरये नमः
ॐ वागमिने नमः
ॐ पिंगाकशाये नमः
ॐ वारदाये नमः
ॐ सीता शोकविनाशनाये नमः
ॐ श्रीप्रदाया नमः
वास्तुदोष दूर करने के लिए हनुमान जयंती पर करें ये विशेष उपाय
ॐ वायुपूत्राया नमः
ॐ अजराया नमः
ॐ अमृत्याया नमः
ॐ मारुताथमज़ाया नमः
ॐ रक्तावाससे नमः
ॐ शिवाये नमः
ॐ निधिपटये नमः
ॐ मुनाये नमः
ॐ शरवाये नमः
ॐ व्यक्ताव्यकताये नमः
ॐ रासाधराये नमः
ॐ पिंगाकेशाये नमः
ॐ पिंगरोमने नमः
ॐ श्रुतिगामयाये नमः
ॐ सानातनाया नमः
ॐ पराये नमः
: ॐ अव्यकताये नमः
ॐ अनादाये नमः
ॐ भगवाते नमः
ॐ डेवाये नमः
ॐ विश्वहेटावे नमः
ॐ निराश्रयाये नमः
ॐ आरोगयकारते नमः
ॐ विश्वेश्वाये नमः
ॐ विश्वानायाकाये नमः
ॐ हरिश्वराये नमः
ॐ विश्वमुरताया नमः
ॐ विश्वकाराये नमः
ॐ विषडाये नमः
ॐ विश्वात्मनाय नमः
ॐ विश्वाहाराया नमः
ॐ राव्याय नमः
ॐ विश्वचेशलाये नमः
ॐ विश्वासेवायाय नमः
ॐ विश्वाया नमः
ॐ विश्वागम्याय नमः
ॐ विश्वाध्ययाये नमः
ॐ बालाये नमः
ॐ वृधाध्यये नमः
ॐ यूनाया नमः
ॐ कलाधराये नमः
ॐ प्लावंगगमये नमः
ॐ कपिशेषतया नमः
ॐ विडयाये नमः
ॐ ज्येष्ताये नमः
ॐ तटवाये नमः
वनचराये नमः
ॐ तत्वगामयये नमः
ॐ सखये नमः
ॐ अजाये नमः
ॐ अंजनीसूनावे नमः
ॐ अवायगराये नमः
ॐ भार्गाये नमः
ॐ रामाये नमः
ॐ रामभक्ताये नमः
ॐ कल्याणाये नमः
ॐ प्राकृतिस्तिराया नमः
ॐ विश्वंभाराये नमः
ॐ ग्रामासवंताय नमः
ॐ धराधराय नमः
ॐ भुरलोकाय नमः
ॐ भुवरलोकाय नमः
ॐ स्वर्गालोकाया नमः
ॐ महालोकाय नमः
ॐ जनलोकाय नमः
ॐ तापसे नमः
ॐ अव्यायाया नमः
ॐ सत्याये नमः
ॐ ओंकार्जमयाये नमः
ॐ प्राणवाये नमः
ॐ व्यापकाये नमः
ॐ अमलाये नमः
ॐ शिवधर्मा-प्रतिष्ताये नमः
क्यों किया जाता है हनुमान जी पर सिंदूर का लेप
ॐ रमेशतात्राया नमः
ॐ फाल्गुणप्रियायेया नमः
ॐ राक्षोधनाया नमः
ॐ पंदारिकाक्षायाया नमः
ॐ दिवाकाराया नमः
ॐ समप्रभाये नमः
ॐ शरणागतवत्सलाया नमः
ॐ जानकीपराणदाताया नमः
ॐ रक्षप्रानहारकाया नमः
ॐ पूर्णाया नमः
ॐ सत्याये नमः
ॐ पितावाससेया नमः
ॐ डेवाया नमः
ॐ द्रोनहार्ताया नमः
ॐ शक्ति राक्षसाया नमः
ॐ गोसपदिकृिताया नमः
ॐ वारिशाये नमः
ॐ पूर्णकमाया नमः
ॐ धरा धिप्प्याय नमः
ॐ शक्ति राक्षसाया नमः
ॐ मारकायाया नमः
ॐ रामदूठाया नमः
ॐ कृष्णाया नमः
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